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दही हांडी उत्सव में हिस्सा लेने वाले 1.5 लाख गोविंदाओं को मिलेगा बीमा सुरक्षा, महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला

 

जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मनाए जाने वाले दही हांडी उत्सव को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा और सराहनीय निर्णय लिया है। इस बार राज्य सरकार ने इस पारंपरिक और रोमांचक आयोजन में हिस्सा लेने वाले 1.5 लाख गोविंदाओं के लिए बीमा कवरेज की घोषणा की है। इस योजना के तहत, उत्सव के दौरान किसी गोविंदा की मृत्यु होने की स्थिति में अधिकतम 10 लाख रुपये का बीमा मुआवजा दिया जाएगा।

यह फैसला दही हांडी उत्सव से ठीक एक महीने पहले लिया गया है, जिससे इस आयोजन में भाग लेने वाले युवाओं और उनके परिवारों को मानसिक और आर्थिक सुरक्षा मिल सके। यह बीमा कवर विशेष रूप से उन गोविंदा पथकों (टीमों) के लिए है जो हर साल मानव पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटके दूध, दही और मक्खन से भरे मटके को फोड़ने की परंपरा निभाते हैं।

बीमा योजना की मुख्य बातें:

  • योजना का लाभ केवल उपलब्ध सूचीबद्ध गोविंदा दलों को मिलेगा।

  • बीमा सुरक्षा का लाभ चोटिल होने या मृत्यु की स्थिति में ही लागू होगा।

  • 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर मृत्यु की स्थिति में दिया जाएगा।

  • चोटिल होने पर इलाज का खर्च भी योजना में शामिल रहने की संभावना है (इसका विस्तृत ब्यौरा जल्द जारी होगा)।

सरकार की मंशा:

राज्य सरकार का मानना है कि दही हांडी सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि युवा जोश, परंपरा और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। हालांकि हर साल इस आयोजन के दौरान कई गोविंदाओं को गंभीर चोटें आती हैं, कुछ मामलों में जान भी चली जाती है। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए बीमा योजना लागू की गई है।

राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया, "हमारे गोविंदाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। यह बीमा योजना उनका मनोबल बढ़ाने और आयोजन को सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।"

आयोजन की पृष्ठभूमि:

दही हांडी उत्सव भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की लीलाओं को प्रदर्शित करने वाला पर्व है, जो विशेष रूप से महाराष्ट्र, खासकर मुंबई, ठाणे, पुणे और नासिक में बेहद लोकप्रिय है। इस दिन युवा गोविंदाओं की टोली गीत-संगीत के साथ गलियों में निकलती है और एक-दूसरे के कंधों पर चढ़कर पिरामिड बनाते हैं। सबसे ऊपर चढ़ा गोविंदा मटका फोड़ता है, जिसे एक अद्भुत उपलब्धि माना जाता है।