वैदिक ज्ञान अब हिंदी में भी: उज्जैन के संस्कृत विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत
वैदिक परंपरा और प्राचीन भारतीय ज्ञान को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025–26 से एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक पहल की घोषणा की है। विश्वविद्यालय अब बीए ज्योतिर्विज्ञान, बीए वास्तुशास्त्र, और एमए भारतीय ज्ञान प्रणाली जैसे विशिष्ट पाठ्यक्रमों को संस्कृत के साथ-साथ हिंदी माध्यम में भी उपलब्ध कराएगा।
📚 क्या है खास?
अब तक ये पाठ्यक्रम केवल संस्कृत माध्यम में उपलब्ध थे, जिससे आम विद्यार्थियों को प्रवेश लेने और समझने में कठिनाई होती थी। हिंदी माध्यम से शुरू करने का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक छात्र वैदिक ज्ञान से जुड़ सकें और भारतीय पारंपरिक विज्ञानों को गहराई से समझ सकें।
🗣️ कुलपति का बयान
विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा:
“संस्कृत तो हमारी आत्मा है, लेकिन हिंदी हमारे सामाजिक संपर्क की भाषा है। अब वैदिक ज्ञान को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना संभव होगा।”
🏛️ नए पाठ्यक्रमों की विशेषताएं
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बीए ज्योतिर्विज्ञान: भारतीय ज्योतिष शास्त्र, ग्रह-नक्षत्रों की गणना, मुहूर्त विद्या आदि का अध्ययन।
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बीए वास्तुशास्त्र: भारतीय वास्तुकला, भवन निर्माण की दिशा और ऊर्जा संतुलन पर आधारित सिद्धांत।
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एमए भारतीय ज्ञान प्रणाली: वेद, उपनिषद, आयुर्वेद, दर्शन, योग, और भारतीय तर्कशास्त्र का समग्र अध्ययन।
🎯 उद्देश्य और प्रभाव
इस पहल का मुख्य उद्देश्य है:
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भारतीय युवाओं को अपनी सांस्कृतिक और शैक्षणिक जड़ों से जोड़ना
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प्राचीन भारतीय विज्ञानों को समकालीन शिक्षा प्रणाली से जोड़ना
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रोजगार की वैकल्पिक दिशा के रूप में वैदिक और पारंपरिक ज्ञान को प्रोत्साहित करना
📝 नामांकन प्रक्रिया
पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन आवेदन पोर्टल शुरू किया है। योग्य छात्र संस्कृत या हिंदी माध्यम में अपनी रुचि के अनुसार विषय चुन सकते हैं।