यूनियन कार्बाइड कचरा विनिष्टीकरण मामले में हाईकोर्ट सख्त, एक्सपर्ट कमेटी से फिर मांगा जवाब
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के विनिष्टीकरण से जुड़ी याचिकाओं पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कचरे को नष्ट करने के बाद बची राख के सुरक्षित विनिष्टीकरण को लेकर एक्सपर्ट कमेटी के जवाब पर असंतोष जताया।
कोर्ट ने जताई नाराज़गी
सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों से कई तकनीकी व पर्यावरणीय सवाल पूछे, लेकिन कमेटी के सदस्य कोर्ट को संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर सटीक और तथ्यात्मक जानकारी जरूरी है।
अगली सुनवाई 14 अगस्त को
युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त 2025 के लिए निर्धारित की है। साथ ही कमेटी को निर्देश दिए गए हैं कि वे कोर्ट के सभी सवालों का स्पष्ट और तकनीकी रूप से संतुलित उत्तर प्रस्तुत करें।
जनहित से जुड़ा गंभीर मामला
यूनियन कार्बाइड से जुड़ा यह मामला देश के सबसे बड़े औद्योगिक हादसों में से एक है, जिसका असर आज भी पर्यावरण और जनजीवन पर पड़ा हुआ है। जहरीले कचरे के विनिष्टीकरण के दौरान उत्पन्न होने वाली राख और उसके प्रभाव को लेकर जनता में चिंता बनी हुई है।
प्रासंगिक तथ्य:
यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी 1984 में हुई थी, लेकिन उसका जहरीला कचरा आज भी भोपाल और आसपास के क्षेत्रों के लिए खतरा बना हुआ है। इसके उचित निपटारे को लेकर वर्षों से कानूनी प्रक्रिया जारी है।