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आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने की बड़ी कार्रवाई, 32 संपत्तियों का मालिक निकला

 

आदिम जाति कल्याण विभाग के एक उपायुक्त पर गंभीर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप लगा है। मंगलवार को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की टीम ने जबलपुर स्थित उनके शासकीय आवास और भोपाल में उनके मकान पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में उपायुक्त के पास करोड़ों रुपए की अनुपातहीन संपत्तियां और 32 अलग-अलग संपत्तियों का मालिक होने के सबूत मिले हैं।

कार्रवाई का पूरा मामला

ईओडब्ल्यू की टीम ने उपायुक्त के शासकीय आवास सहित अन्य परिसरों में दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उपायुक्त के बैंक खातों, निवेशों और संपत्तियों की संख्या और मूल्य से विभाग में कार्यरत एक अधिकारी के लिए यह धन-संपदा असामान्य और अनुपातहीन है।

अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा

अभी तक जब्त दस्तावेजों और निवेशों की पूरी जांच शेष है, लेकिन शुरुआती जांच में ही यह स्पष्ट हो गया है कि उपायुक्त के पास सरकारी वेतन से मेल नहीं खाने वाली बड़ी संपत्ति है। इस संपत्ति की कुल संख्या 32 बताई जा रही है, जिनमें जमीन, मकान और अन्य मूल्यवान वस्तुएं शामिल हैं।

ईओडब्ल्यू की जांच जारी

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीम इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। अधिकारी बैंक खातों, निवेशों और खरीदी गई संपत्तियों के दस्तावेजों की पड़ताल कर रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के सबूत हासिल किए जा सकें।

विभाग और सरकार की प्रतिक्रिया

आदिम जाति कल्याण विभाग और मध्यप्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा है कि यदि अधिकारी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ कराई जाएगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा।