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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की आरोपी कंपनियों को मध्य प्रदेश में मिली अफसरों की कृपा, नगरीय विकास विभाग ने दिया ठेका

 

छत्तीसगढ़ में 2100 करोड़ के शराब घोटाले में आरोपी दो कंपनियों, प्राइम वन वर्क फोर्स और ईगल हंटर सॉल्यूशन, को अब मध्य प्रदेश में अफसरों की कृपा से नए ठेके मिल रहे हैं। ये दोनों कंपनियां उन आरोपों में फंसी हुई थीं, जिनमें उन्होंने नकली होलोग्राम बनाकर शराब सप्लाई करने का आरोप झेला था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन कंपनियों को आरोपी माना था, लेकिन इसके बावजूद मध्य प्रदेश में इन कंपनियों को बड़े सरकारी ठेके मिल रहे हैं।

इन कंपनियों में से प्राइम वन वर्क फोर्स को पहले मध्य प्रदेश के बिजली विभाग ने मैन पावर सप्लाई करने का ठेका दिया था। अब ताजा जानकारी के अनुसार, नगरीय विकास विभाग भी इन्हीं कंपनियों में से प्राइम वन वर्क फोर्स को इंदौर नगर निगम में मैन पावर सप्लाई करने का ठेका देने जा रहा है।

इस कदम ने अधिकारियों और जनता में आशंका पैदा कर दी है, क्योंकि जिन कंपनियों पर गंभीर आरोप हैं, उन्हें इतनी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का ठेका कैसे दिया जा रहा है। शराब घोटाले में इन कंपनियों की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, और अब इन कंपनियों को सार्वजनिक विभागों से ठेके मिलने से भ्रष्टाचार के आरोपों में और इजाफा हो सकता है।

विपक्षी दलों ने इस मामले में राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जब इन कंपनियों पर आरोप साबित हो चुके हैं, तो सरकार उन्हें ठेके क्यों दे रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या इस तरह के ठेके देने से राज्य सरकार का भ्रष्टाचार और कुशासन बढ़ेगा।

वहीं, राज्य सरकार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि इन कंपनियों को ठेके देने में कोई गड़बड़ी नहीं है और सारी प्रक्रियाएं पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से की जा रही हैं। सरकार का कहना है कि ठेके देने से पहले इन कंपनियों की पृष्ठभूमि की जांच की गई थी और कोई आपत्ति नहीं आई।