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पितृपक्ष में सिंधु एक्सप्रेस रद्द किए जाने का विरोध तेज, रेल मंत्री को पत्र लिखकर जताई आपत्ति

 

पितृपक्ष के दौरान सिंधु एक्सप्रेस (22911) को रद्द किए जाने के निर्णय ने श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ा दी है। अब इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। पश्चिम मध्य रेलवे की क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य मुकेश अवस्थी ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है और इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए ट्रेन को पुनः शुरू करने की मांग की है

मुकेश अवस्थी ने अपने पत्र में लिखा कि पितृपक्ष के दौरान लाखों श्रद्धालु गया पहुंचकर पिंडदान और तर्पण करते हैं, ऐसे में सिंधु एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन का संचालन बंद करना श्रद्धालुओं की आस्था और सुविधा दोनों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों से श्रद्धालुओं को सीधे बिहार के गया तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती है।

रेलवे द्वारा पितृपक्ष के दौरान ट्रेन रद्द किए जाने के पीछे परिचालनिक कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन यात्रियों और धार्मिक संगठनों का मानना है कि इस समय अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था होनी चाहिए, न कि मौजूदा ट्रेनों को रद्द किया जाना चाहिए।

मांगें:

  • सिंधु एक्सप्रेस को पितृपक्ष अवधि के दौरान फिर से बहाल किया जाए।

  • श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए गया के लिए अतिरिक्त विशेष ट्रेनें चलाई जाएं

  • रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष हेल्प डेस्क और पंडित सेवा व्यवस्था की जाए।

मुकेश अवस्थी ने चेताया कि यदि रेलवे ने इस मांग पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो वे यात्रियों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे