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नीमच-रतलाम रेल लाइन दोहरीकरण अपने अंतिम चरण में, दिसंबर तक पूरा होगा काम – आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार

 

मध्य प्रदेश में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। नीमच से रतलाम तक की रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य, जो कि करीब 1100 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, अब समापन की ओर है। इस परियोजना के साथ-साथ इस पूरे रूट पर विद्युतकरण (इलेक्ट्रिफिकेशन) का कार्य भी तेजी से जारी है, जिसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

तीन जिलों की बदलेगी सूरत

रेलवे के इस दोहरीकरण और विद्युतकरण कार्य का सबसे बड़ा फायदा रतलाम, मंदसौर और नीमच जिलों को होगा। ये जिले पहले से ही औद्योगिक, कृषि और व्यापारिक गतिविधियों के केंद्र रहे हैं। अब रेल कनेक्टिविटी बेहतर होने से इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

बढ़ेंगी ट्रेनों की संख्या, यात्रियों को राहत

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, दोहरीकरण पूरा होने के बाद इस रूट पर यात्री ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी और यात्रा का समय भी कम होगा। साथ ही, मालगाड़ियों की आवाजाही में भी तेजी आएगी, जिससे व्यापारियों और उद्योगपतियों को माल परिवहन में आसानी होगी।

आर्थिक विकास और रोजगार की संभावनाएं

रेलवे परियोजना पूरी होने से स्थानीय जीडीपी (GDP) में भी उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। रतलाम, मंदसौर और नीमच में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, व्यापार विस्तार और नौकरी के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा, निर्माण कार्य से जुड़े सैकड़ों श्रमिकों और इंजीनियरों को भी रोजगार मिला है।

पर्यावरणीय लाभ भी होंगे

विद्युत रेल लाइन से डीजल इंजन पर निर्भरता कम होगी, जिससे न केवल ईंधन की बचत होगी, बल्कि प्रदूषण में भी कमी आएगी। यह पर्यावरण के लिहाज से एक सकारात्मक कदम है।