MPPSC का बड़ा फैसला: EWS वर्ग को मिलने वाली आयु छूट समाप्त, अब अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली निर्णय लेते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अभ्यर्थियों को मिलने वाली पांच वर्ष की अतिरिक्त आयु छूट समाप्त कर दी है। अब EWS वर्ग के उम्मीदवार भी सामान्य वर्ग की तरह अधिकतम 40 वर्ष की आयु तक ही आवेदन कर सकेंगे। यह निर्णय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश के अनुपालन में लिया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद आया फैसला
इस निर्णय की पृष्ठभूमि में हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्देश शामिल है, जिसमें कहा गया था कि EWS वर्ग को आयु सीमा में कोई विशेष छूट नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह वर्ग केवल आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण के पात्र हैं, न कि सामाजिक या शैक्षणिक पिछड़ेपन के आधार पर। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में EWS को आयु सीमा में छूट दी गई है, तो वह संवैधानिक मंशा और आरक्षण की सीमाओं के खिलाफ है।
क्या था पहले नियम?
अब तक EWS वर्ग के अभ्यर्थियों को अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 वर्ष की अधिकतम आयु छूट दी जाती थी। यानी वे 45 वर्ष की उम्र तक आवेदन कर सकते थे, जबकि सामान्य वर्ग के लिए यह सीमा 40 वर्ष थी। लेकिन अब यह विशेष छूट खत्म कर दी गई है, जिससे EWS अभ्यर्थियों को सीधी भर्ती परीक्षाओं में आयु सीमा की सामान्य शर्तें ही लागू होंगी।
अभ्यर्थियों में नाराजगी और भ्रम
इस फैसले के बाद EWS वर्ग के हजारों उम्मीदवारों में नाराजगी और भ्रम की स्थिति देखी जा रही है। उनका कहना है कि जहां उन्हें आर्थिक आधार पर आरक्षण मिला, वहीं उसके वास्तविक लाभ से वंचित किया जा रहा है। कुछ अभ्यर्थियों ने इसे राज्य सरकार की ढुलमुल नीति और अवसरों में असमानता करार दिया है।
आयोग की स्थिति स्पष्ट
MPPSC की ओर से साफ किया गया है कि यह निर्णय हाईकोर्ट के आदेशानुसार अनिवार्य रूप से लिया गया है और आयोग को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना ही होगा। आयोग ने अपने आधिकारिक पोर्टल और नवीनतम विज्ञप्तियों में इस बदलाव को स्पष्ट रूप से उल्लेखित कर दिया है, ताकि आगामी परीक्षाओं में कोई भ्रम न रहे।
भविष्य की परीक्षाओं पर प्रभाव
अब यह संशोधित नियम MPPSC की सभी आगामी भर्ती परीक्षाओं पर लागू होगा। इससे सबसे अधिक असर उन EWS उम्मीदवारों पर पड़ेगा, जिनकी उम्र 40 से 45 वर्ष के बीच है और जो आगामी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।