×

MP पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाला: सॉल्वर बैठाकर पास हुए 31 अभ्यर्थी पकड़े गए, 7 FIR दर्ज

 

मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा में एक बार फिर बड़ा घोटाला सामने आया है। परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर (फर्ज़ी उम्मीदवार) बैठाकर चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या अब 31 तक पहुंच चुकी है। बीते 10 दिनों में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 7 केस दर्ज किए गए हैं, जिससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?

पुलिस ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग प्रक्रिया के दौरान आधार बायोमैट्रिक (फिंगरप्रिंट) से पहचान कराई गई, उनमें गड़बड़ी सामने आई।
इनमें कई उम्मीदवारों ने बार-बार आधार बायोमैट्रिक अपडेट करवाए थे, ताकि परीक्षा के दौरान सॉल्वर की फिंगरप्रिंट से मेल खाया जा सके।
यह बदलाव उनकी सहमति और जानबूझकर मिलीभगत से किया गया था।

जिन जिलों में केस सामने आए

अब तक भोपाल, इंदौर, रीवा, सतना, सागर, ग्वालियर और जबलपुर सहित कई जिलों में:

  • सात प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई हैं।

  • जांच के दौरान पता चला कि सॉल्वर गिरोह सुनियोजित तरीके से यह गड़बड़ी कर रहे थे।

  • सैकड़ों अभ्यर्थियों की जांच अब भी जारी है और माना जा रहा है कि आरोपियों की संख्या और बढ़ सकती है।

क्या था पूरा फॉर्मूला?

  1. असल अभ्यर्थी ने परीक्षा में सॉल्वर को बैठाया।

  2. सॉल्वर की फिंगरप्रिंट को आधार से जोड़ने के लिए आधार अपडेट कराया गया।

  3. परीक्षा पास होने के बाद असल अभ्यर्थी ने फिंगरप्रिंट फिर से अपने असली बायोमेट्रिक से अपडेट करवाया।

  4. ज्वाइनिंग के वक्त जब फिंगरप्रिंट मैच नहीं हुए, तब मामला खुला।

पुलिस और EOW की जांच तेज

इस पूरे मामले को अब:

  • विशेष जांच टीम (SIT) और

  • आर्थिक अपराध शाखा (EOW)
    द्वारा गहराई से जांचा जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, इसमें कई निजी कोचिंग संस्थानों और साइबर अपराधियों की भूमिका भी सामने आ रही है।

भविष्य की कार्रवाई

  • पकड़े गए 31 अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द की जा सकती है।

  • दोषी अभ्यर्थियों और उनके सहयोगियों पर फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और साइबर अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

  • आधार अपडेट कराने वाले संबंधित केंद्रों और एजेंटों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।