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इंदौर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ा, रोजाना 150 से ज्यादा डॉग बाइट के मामले अस्पताल पहुंच रहे

 

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आम जनता के लिए खतरा बढ़ गया है। शहर के अस्पतालों में प्रतिदिन 150 से अधिक लोग डॉग बाइट (कुत्ते के काटने) के मामलों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इस गंभीर समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है, जिससे शहरवासियों में कुछ राहत की उम्मीद जगी है।

डॉग बाइट के मामलों में बढ़ोतरी

इंदौर के विभिन्न अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉग बाइट के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश मामले आवारा कुत्तों द्वारा काटने के हैं, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। इससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ रहे हैं, बल्कि शहर के सामाजिक माहौल पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान

डॉग बाइट की बढ़ती घटनाओं और आवारा कुत्तों के नियंत्रण की समस्या को देखते हुए, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने संबंधित राज्यों और नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करें।

शहरवासियों की उम्मीदें

सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद इंदौर के नागरिकों में इस समस्या के समाधान की उम्मीद जागी है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि नगर निगम और राज्य प्रशासन इस दिशा में ठोस और त्वरित कदम उठाएंगे ताकि आवारा कुत्तों का आतंक खत्म हो सके और वे सुरक्षित वातावरण में जीवन यापन कर सकें।

प्रशासन की चुनौती

नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के सामने अब बड़ी चुनौती है कि वे आवारा कुत्तों की समस्या का स्थायी समाधान निकालें। इसके लिए मच्छर दमन, पशु चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार, पालतू और आवारा कुत्तों के रजिस्ट्रेशन तथा टीकाकरण जैसे उपाय जरूरी हैं। साथ ही जनता में भी जागरूकता अभियान चलाना होगा ताकि इस समस्या को सामूहिक रूप से हल किया जा सके।