मध्य प्रदेश में मानसून फिर से सक्रिय, भारी बारिश और बाढ़ के आसार
प्रदेश में तीन-चार दिन के अल्प विराम के बाद मानसून सिस्टम फिर से सक्रिय हो गए हैं। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात बनने की संभावना जताई है। अगले तीन से चार दिनों तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है, जिससे न केवल जनजीवन प्रभावित हो सकता है, बल्कि कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है।
मानसून की सक्रियता से मौसम में बदलाव
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को प्रदेश के 19 स्थानों पर भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि शनिवार को प्रदेश के 5 स्थानों पर अति भारी बारिश (very heavy rain) का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, 23 स्थानों पर बाढ़ और जलभराव की संभावना जताई गई है, जिससे प्रशासन को अलर्ट किया गया है।
भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने बताया कि मानसून सिस्टम के सक्रिय होने से प्रदेश के कई इलाकों में अगले कुछ दिनों तक लगातार बारिश हो सकती है। इस दौरान, 26 जुलाई के बाद भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना भी है, जिससे नदी-नालों में जलस्तर बढ़ सकता है और बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
बाढ़ जैसे हालात का खतरा
बारिश के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, विशेष रूप से निचले क्षेत्रों और जलस्त्रोतों के आसपास। बाढ़ के संभावित खतरे के कारण प्रशासन को सतर्क किया गया है और सभी संबंधित विभागों को आपातकालीन उपायों के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इस दौरान लोगों से अपील की गई है कि वे निचले इलाकों में न जाएं और जलभराव वाली जगहों से दूर रहें।
संभावित प्रभावित क्षेत्र
मौसम विभाग ने जिन स्थानों पर अति भारी बारिश और बाढ़ के अलर्ट जारी किए हैं, उनमें राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और छत्तीसगढ़ सीमा से सटे जिले शामिल हैं। इन क्षेत्रों में नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने के कारण किसी भी समय बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
क्या करें प्रशासन और नागरिक?
प्रशासन ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। राहत और बचाव कार्य के लिए टीमों को सक्रिय किया गया है और अधिकारियों को तैनात किया गया है। इस दौरान लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है, खासकर उन इलाकों में जहां जलभराव या बाढ़ के हालात बन सकते हैं। साथ ही, नदी-नालों के पास से दूर रहने और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी गई है।