महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास की धूम: विशेष दर्शन व्यवस्था शुरू, भस्म आरती में उमड़े लाखों श्रद्धालु
श्रावण मास के शुभारंभ के साथ ही देश के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्ति और आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। शुक्रवार तड़के रात तीन बजे मंदिर के पट खोले गए, जिसके साथ ही श्रद्धालुओं को भस्म आरती के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। देशभर से आए लाखों शिवभक्तों ने भगवान महाकाल की आराधना कर श्रावण मास का शुभारंभ किया।
विशेष दर्शन व्यवस्था का शुभारंभ
श्रावण मास की पवित्रता और भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष दर्शन व्यवस्था लागू की गई है। अब श्रद्धालुओं को पंक्ति आधारित व्यवस्था, डिजिटल पास और सीमित संख्या में वीआईपी प्रवेश जैसे प्रावधानों के तहत दर्शन का अवसर मिल रहा है।
मंदिर प्रशासक ने बताया:
"श्रावण मास में हर दिन लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। इसलिए हमने दर्शन व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित और भक्तों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।"
भस्म आरती में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
शुक्रवार की सुबह भस्म आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालु रात दो बजे से ही मंदिर परिसर और गलियों में जुटने लगे थे। जैसे ही मंदिर के पट खुले और महाकाल की आरती शुरू हुई, पूरा परिसर "हर हर महादेव" के जयघोष से गूंज उठा।
आरती के दौरान महाकाल को भस्म (राख) से श्रृंगारित किया गया, जो केवल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही परंपरागत रूप से किया जाता है।
विद्युत सज्जा और सुरक्षा प्रबंध
श्रावण मास को भव्य रूप देने के लिए मंदिर को आकर्षक विद्युत रोशनी से सजाया गया है। रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाता महाकाल परिसर भक्तों के लिए आस्था और उत्सव का संगम बन गया है।
सुरक्षा के लिए—
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मंदिर परिसर और आस-पास CCTV कैमरे लगाए गए हैं
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1000 से अधिक पुलिसकर्मी और होमगार्ड तैनात किए गए हैं
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ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है
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चिकित्सा सहायता और खोया-पाया केंद्र भी सक्रिय हैं
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं
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पेयजल, मोबाइल टॉयलेट, विश्राम स्थल की व्यवस्था
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भक्ति गीतों और शिव महिमा के प्रसारण के लिए ध्वनि प्रणाली
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ऑनलाइन बुकिंग से दर्शन सुविधा में वृद्धि