जबलपुर में सड़कों पर घोड़ों की भिड़ंत से मची अफरा-तफरी, ऑटो से टकराकर तीन लोग घायल
शहर के बीचोंबीच बुधवार दोपहर एक अजीब और हैरतअंगेज़ दृश्य देखने को मिला, जब नागरथ चौक से आयकर चौराहा के बीच अचानक दो आवारा घोड़े सड़क पर आपस में भिड़ गए। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया और कुछ देर के लिए पूरा इलाका अफरा-तफरी में तब्दील हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों घोड़े तेज़ी से दौड़ते हुए अचानक एक-दूसरे पर झपट पड़े और बीच सड़क पर उनकी लड़ाई शुरू हो गई। सड़क पर वाहनों की आवाजाही थम गई और लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे। लड़ते-लड़ते एक घोड़ा पास की एक दुकान में घुस गया, जिससे वहां मौजूद ग्राहकों और दुकानदारों में दहशत फैल गई।
घबराए व्यापारियों और राहगीरों ने जैसे-तैसे घोड़ों को दुकान से बाहर भगाने की कोशिश की, लेकिन तभी एक घोड़ा पूरी तरह बेकाबू होकर सड़क पर दौड़ पड़ा और सीधे एक ऑटो से जा टकराया। इस टक्कर में ऑटो चालक और दो राहगीर घायल हो गए, जिन्हें तत्काल इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि घायलों की हालत फिलहाल स्थिर है, हालांकि ऑटो चालक के हाथ में गंभीर चोट आई है। पुलिस मौके पर पहुंची और घोड़ों को पकड़ने के लिए नगर निगम की सहायता ली गई। काफी मशक्कत के बाद दोनों घोड़ों को काबू में किया गया और उन्हें नगर निगम के पशु संरक्षण केंद्र ले जाया गया।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने नगर निगम से आवारा पशुओं पर सख्ती से नियंत्रण करने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब आवारा जानवरों ने इस इलाके में लोगों की जान जोखिम में डाली हो। प्रशासन की लापरवाही से आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि घोड़ों के मालिक की तलाश की जा रही है, और यदि जल्द पहचान नहीं हुई तो उन्हें स्थायी रूप से संरक्षण केंद्र में रखा जाएगा। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि शहर में आवारा जानवरों पर नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
यह घटना न सिर्फ शहर में प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि शहरी इलाकों में आवारा पशुओं की अनदेखी किस तरह आमजन की सुरक्षा पर खतरा बन रही है। लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब सख्त और ठोस कदम उठाना जरूरी हो गया है।
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