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प्रदेश में हड़ताल और तालाबंदी के लिए सूचना की अनिवार्यता, ठेकेदारी लाइसेंस नियमों में बदलाव

 

मध्य प्रदेश में अब लोक उपयोगी सेवाओं और फैक्ट्रियों में हड़ताल या तालाबंदी करने के लिए प्रबंधन को कम से कम डेढ़ माह पहले सूचना देना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम राज्य सरकार ने श्रमिकों और उद्योग प्रबंधन के बीच बेहतर संवाद और विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के उद्देश्य से उठाया है। इस नए नियम के तहत, कर्मचारियों और श्रमिक संगठनों को पहले से प्रबंधन को अपनी शिकायतों और मुद्दों की जानकारी देनी होगी, ताकि दोनों पक्षों को समाधान के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

इस बदलाव के बाद, प्रबंधन को हड़ताल या तालाबंदी के संदर्भ में समय पर तैयार होने का अवसर मिलेगा, जिससे वे संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए उचित कदम उठा सकेंगे। सरकार का कहना है कि इस निर्णय से श्रमिकों और उद्योगों के बीच बेहतर तालमेल और अनुशासन होगा, और कार्य स्थल पर विवादों को पहले ही हल करने में मदद मिलेगी।

साथ ही, ठेकेदारी लाइसेंस प्राप्त करने और पंजीयन कराने के नियमों में भी बदलाव किया गया है। अब तक, ठेकेदारों के लिए न्यूनतम नियोजित श्रमिकों की संख्या 20 थी, जिसे बढ़ाकर 50 कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ठेकेदार बड़े और अधिक व्यवस्थित स्तर पर काम करें और उनकी ओर से काम पर रखे गए श्रमिकों की संख्या भी पर्याप्त हो।