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नवजात शिशुओं की तस्करी का अड्डा बना इंदौर, पुलिस कार्यवाही के दौरान 6 महिलाओं समेत पकड़े गए 9 अपराधी 

 

मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने छह महिलाओं समेत कुल नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से नवजात शिशुओं को लेकर उन्हें निःसंतान दंपत्तियों को मोटी रकम में बेच रहे थे।

बच्चे को 10 लाख रुपये में बेचने की थी योजना

समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, रावजी बाजार थाना पुलिस को दो महीने के एक बच्चे को 10 लाख रुपये में बेचने की कोशिश की गुप्त सूचना मिली थी। शिकायत के आधार पर जांच की गई और पूरे गिरोह को पकड़ लिया गया।अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) दिशा अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रमिला साहू, वंदना मकवाना, पूजा वर्मा, नीलम वर्मा, नीतू शुक्ला, रानू उर्फ पूजा, संतोष शर्मा, विजय मोगकर और वीरेश जाटव के रूप में हुई है।

गरीब परिवारों से नवजात शिशु खरीदते थे

पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य संतान सुख से वंचित दम्पतियों से संपर्क करते थे और उन्हें नवजात शिशु गोद देने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठते थे। इसके लिए वे आर्थिक रूप से कमज़ोर महिलाओं से बच्चे खरीदते थे।गिरफ्तार आरोपियों में एक नर्सिंग सेंटर संचालक, एक मैरिज ब्यूरो का मालिक और एक आईवीएफ सेंटर का कर्मचारी शामिल है, जो इस पूरे रैकेट को चलाने में अहम भूमिका निभा रहे थे।

जाँच में पता चला है कि गुजरात के दाहोद शहर की एक महिला से बच्चा खरीदा जाना था। पुलिस अब उस महिला से भी पूछताछ कर रही है।पुलिस का कहना है कि यह एक संगठित रैकेट था जो लंबे समय से सक्रिय था और कई दम्पतियों को अपना शिकार बना चुका है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए गहन जाँच जारी है।