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मध्य प्रदेश में बढ़ते डॉग और कैट बाइट के मामले, भोपाल में रोजाना दो दर्जन से ज्यादा लोग हो रहे शिकार

 

मध्य प्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद इंसानों और जानवरों के बीच टकराव की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। खासकर कुत्तों और बिल्लियों के काटने के मामले चिंताजनक स्तर पर पहुंच गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 6 महीनों में राज्यभर में 800 से ज्यादा लोगों को बिल्लियों ने और 5000 से अधिक लोगों को कुत्तों ने काटा है।

राजधानी भोपाल की स्थिति सबसे गंभीर है, जहां हर दिन औसतन 25 से ज्यादा लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो रहे हैं। ये आंकड़े नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की ओर से दर्ज किए गए हैं।

मौसम बदलते ही बढ़ती हैं घटनाएं

डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव, विशेष रूप से बरसात के दिनों में जानवरों का व्यवहार आक्रामक हो जाता है। यही कारण है कि काटने की घटनाएं अधिक सामने आती हैं। भटकते हुए या बीमार जानवर, खासकर बिना टीकाकरण वाले कुत्ते और बिल्लियां, लोगों पर हमला कर देते हैं।

एंटी-रेबीज इंजेक्शन की मांग में इजाफा

इन घटनाओं के चलते अस्पतालों में एंटी-रेबीज इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी को कुत्ता या बिल्ली काटे, तो तुरंत जख्म को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोकर नजदीकी अस्पताल में एंटी-रेबीज का टीका लगवाएं। इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है।

नगर निगम की लापरवाही पर सवाल

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि नगर निगम की ओर से आवारा कुत्तों और बिल्लियों की नसबंदी और नियंत्रण पर कोई ठोस काम नहीं हो रहा। रोजाना मोहल्लों और कॉलोनियों में दर्जनों कुत्ते घूमते नजर आते हैं, जिनका कोई जिम्मेदार नहीं है।

विशेषज्ञों की राय

पशु चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि आमजन को सावधानी बरतनी चाहिए। जानवरों को उकसाने से बचें, बच्चों को अकेले बाहर भेजते समय सतर्क रहें, और यदि किसी क्षेत्र में ज्यादा संख्या में आवारा जानवर हों तो तुरंत नगर निगम को सूचना दें।