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हरियाली अमावस्या पर इंदौर में भक्तिमय माहौल, शहर के हर कोने में उत्साह और आनंद

 

आज हरियाली अमावस्या के अवसर पर पूरे इंदौर में उत्साह, भक्ति और आनंद का माहौल है। जैसे ही दिन की शुरुआत हुई, मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं और भजन, कीर्तन और भंडारे का सिलसिला अनवरत जारी है। यह दिन न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि शहर के हर कोने में हरियाली के बढ़ते संकेत भी देखने को मिल रहे हैं।

शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं का आना-जाना जारी है। इस दिन को लेकर इंदौर के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और हवन का आयोजन किया जा रहा है। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने शिव, गणेश, और देवी-देवताओं के दर्शन किए और दिनभर चलने वाले भंडारे का आनंद लिया।

इसके साथ ही, इंदौर की प्राकृतिक सुंदरता से सजे स्थानों पर भी अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है। हरियाली अमावस्या के मौके पर शहर में बारिश के बाद से वातावरण और भी शुद्ध और हराभरा हो गया है, जिससे लोगों की संख्या इन स्थानों पर बढ़ी है। इंदौर के बाहरी इलाकों में खासकर रालामंडल पहाड़ी पर हरियाली का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है।

रालामंडल से दिखे अविस्मरणीय दृश्य

शहर के रालामंडल की पहाड़ी से, जो समुद्र तल से 782 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, एक अविस्मरणीय दृश्य देखने को मिलता है। इस समय चारों ओर हरियाली ही हरियाली फैली हुई है। बारिश के बाद पहाड़ी और उसके आसपास का इलाका हरे रंग से सजा हुआ है, जो प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।

यह नजारा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस समय पूरे शहर में हरियाली की चादर बिछी हुई है, जिससे शहर की सुंदरता और बढ़ गई है। बारिश की वजह से जल स्रोतों में भी वृद्धि हुई है, और शहर का मौसम बहुत ही सुखद हो गया है।

उत्सव का माहौल

हरियाली अमावस्या पर इंदौर के लोग न केवल पूजा-पाठ में व्यस्त हैं, बल्कि इस दिन को प्रकृति के साथ जुड़ने का अवसर भी मानते हैं। परिवारों के साथ पिकनिक मनाने, प्राकृतिक स्थलों पर समय बिताने और पर्यावरण की रक्षा की शपथ लेने के लिए लोग सक्रिय रूप से बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा, इस दिन के विशेष महत्व को देखते हुए शहर भर में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इस विशेष अवसर पर इंदौरवासियों ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का संकल्प लिया है और इस दिन को प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरण की सुरक्षा के रूप में मनाने की कोशिश की जा रही है।