त्योहारी सीजन से पहले गेहूं के दाम बढ़ाने की साजिश! अफवाहों के जरिए बाजार में भ्रम फैलाने की कोशिश
त्योहारी सीजन की दस्तक के साथ ही गेहूं की कीमतों में उछाल लाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। बाजार के कुछ कारोबारी जानबूझकर अफवाहें फैला रहे हैं, ताकि गेहूं के भाव में तेजी लाई जा सके और जमाखोरी के जरिए मुनाफा कमाया जा सके।
आटे के निर्यात की अफवाहें फैलाई जा रही हैं
पिछले दो दिनों से बाजार में यह अफवाह जोर-शोर से फैलाई जा रही है कि केंद्र सरकार जल्द ही आटे के निर्यात की अनुमति देने जा रही है। इस अफवाह के जरिए बाजार में गेहूं की मांग कृत्रिम रूप से बढ़ाई जा रही है, जिससे भाव ऊपर जाएं और कारोबारियों को फायदा हो।
केंद्र सरकार ने नहीं लिया ऐसा कोई फैसला
हकीकत यह है कि अब तक दिल्ली में केंद्र सरकार के स्तर पर इस तरह की कोई बैठक तक नहीं हुई है, ना ही आटे या गेहूं के निर्यात को लेकर कोई निर्णय लिया गया है। यह पूरी तरह से बाजार में अफवाह फैलाकर आम उपभोक्ताओं और खुदरा व्यापारियों को गुमराह करने की चाल है।
इस साल पर्याप्त भंडारण, फिर क्यों डर?
सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस साल केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है। देश के विभिन्न भंडारण केंद्रों में गेहूं का भंडार सरकार की निर्धारित आवश्यकताओं से अधिक है। ऐसे में कीमतों के अचानक बढ़ने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है।
उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए चेतावनी
खाद्य आपूर्ति से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि बाजार की अफवाहों पर ध्यान न दें। इस तरह की भ्रामक खबरों से खुदरा व्यापारी भी अनजाने में नुकसान उठा सकते हैं, क्योंकि स्टॉक करने के बाद यदि कीमतें नहीं बढ़ीं तो उन्हें घाटा उठाना पड़ सकता है।
सरकार की नजर, सख्त कार्रवाई संभव
खबर है कि सरकार ने इस अफवाह के पीछे सक्रिय व्यापारिक समूहों की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है। यदि साबित हुआ कि कोई समूह या व्यक्ति जानबूझकर कीमतों को प्रभावित करने की साजिश रच रहा है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।