बच्चों का अश्लील पहनावा मां-बाप की गलती, बड़ा गणेश मंदिर में लगे पोस्टर पर मचा बवाल? जानें मामला
क्या वो माँ है जो टीवी और फ़िल्में देखकर अपनी जवान बेटियों के लिए अभद्र और अश्लील कपड़ों के बीज बोती है? क्या वो पिता है जो 10 साल से ज़्यादा उम्र की बेटियों के अभद्र, तंग और छोटे कपड़े पहनने पर चुप रहता है? क्या वो मानसिकता है जो छोटे, कम और अर्धनग्न कपड़े पहनने वाली लड़की को आधुनिक, स्मार्ट, मानक और मॉडर्न समझती है? अपनी बेटियों को सोचने की आज़ादी दीजिए, अभद्र और अश्लील कपड़े नहीं। सही और उपयुक्त कपड़े ही आपकी बेटी का सुरक्षा कवच हैं।
धार्मिक नगरी उज्जैन से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित अति प्राचीन बड़े गणेश मंदिर पर लगा एक पोस्टर इन दिनों इन्हीं सवालों की वजह से सुर्खियों में है। क्योंकि इस पोस्टर के ज़रिए उन सभी माता-पिता पर सवाल उठाए गए हैं जो आधुनिकता के नाम पर अपने बच्चों को अभद्र और छोटे कपड़े पहनाते हैं। अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि ये पोस्टर किसने और क्यों लगाया, लेकिन पोस्टर में पूछे गए सवालों की वजह से मंदिर में आने वाले श्रद्धालु ही नहीं, बल्कि यहाँ के पुजारी भी इन बातों का समर्थन करते नज़र आ रहे हैं।
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एक पोस्टर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पोस्टर में लड़कियों के पहनावे पर सवाल उठाए गए हैं और छोटे कपड़े पहनने को अनुचित बताते हुए इसका विरोध भी किया गया है। मंदिर के पुजारी से लेकर यहाँ सेवा करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं पता कि यह पोस्टर किसने और कब लगाया। मंदिर आने वाले श्रद्धालु इसे देख रहे हैं और इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कर रहे हैं।
महाकाल और अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने किया समर्थन
बताया जा रहा है कि मंदिर में लगा यह पोस्टर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन अखिल भारतीय पुजारी महासंघ और महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने इस पोस्टर का समर्थन किया है। पंडित शर्मा का कहना है कि पोस्टर में लिखी हर बात शत-प्रतिशत सच है। मंदिर हमारी आस्था का प्रतीक है, लेकिन कुछ लोग यहाँ बरमूडा और नाइट सूट पहनकर भगवान के दर्शन करने आते हैं। छोटी बच्चियों से लेकर युवतियाँ तक, ऐसे वस्त्र पहनकर मंदिर आती हैं, जो सनातन धर्म के कतई द्योतक नहीं हैं। सिर्फ़ बच्चों को ही नहीं, हमें भी उचित वस्त्र पहनने चाहिए, जो हमारा सुरक्षा कवच भी हैं। हमें अपनी बेटियों को स्वतंत्र विचारों की आज़ादी देनी चाहिए, उन्हें अभद्र और अश्लील वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।