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चीतों की धरती पर हुआ एक और चमत्कार, संरक्षण क्षेत्र में कैमरे में कैद हुआ बेहद शर्मीला और दुर्लभ जानवर

 

देश में चीतों के संरक्षण के लिए चल रहे कार्यक्रम के तहत, नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रखा गया है। यहीं से एक दुर्लभ प्रजाति का जानवर मिला है, जो शर्मीला तो बताया जाता है, लेकिन मांसाहारी और बेहद खतरनाक भी है। अधिकारियों का कहना है कि भारत में इस जानवर की प्रजाति लगभग पूरी तरह विलुप्त हो चुकी है, जिसका नाम कैराकल है। जानकारी के अनुसार, कैमरा ट्रैप में एक वयस्क नर कैराकल की तस्वीर आने के बाद कैराकल के अस्तित्व की पुष्टि हुई है। वन अधिकारियों के अनुसार, राज्य की जैव विविधता और संरक्षण प्रयासों के लिहाज से यह घटना बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह प्रजाति भारत में बेहद दुर्लभ है और लगभग विलुप्त होने वाली है।

कैराकल किस प्रकार का जानवर है?
यह दुर्लभ प्रजाति का जानवर, कैराकल, एक बेहद शर्मीला, तेज़ धावक और मुख्य रूप से रात्रिचर प्राणी है। यह आमतौर पर सूखे, झाड़ीदार, पथरीले और खुले घास वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। गांधी सागर अभयारण्य के वन अधिकारियों ने बताया कि कैमरा ट्रैप में इस प्रजाति की मौजूदगी दर्शाती है कि यह क्षेत्र अभी भी जैविक रूप से कितना समृद्ध है।

वन विभाग के अधिकारियों ने क्या कहा?

वन अधिकारियों का कहना है कि इसके परिणामस्वरूप भारत की दुर्लभ प्रजातियाँ भी यहाँ सुरक्षित रूप से निवास कर सकती हैं। यह न केवल संरक्षण प्रयासों की सफलता का संकेत है, बल्कि इस क्षेत्र की पारिस्थितिक गुणवत्ता का भी प्रमाण है। वन्यजीव संरक्षण के संबंध में अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे, जिससे अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण को बढ़ावा मिल सके।