दमोह में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट कांड के बाद NHRC सख्त, देशभर की कैथ लैब्स में डॉक्टरों की योग्यता की जांच के निर्देश
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा की गई दिल की सर्जरी से हुई 7 मरीजों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर गूंज गया है और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने इस पर गंभीर संज्ञान लिया है।
NHRC ने इस घटना के बाद देशभर की कैथ लैब्स (Cath Labs) में कार्यरत डॉक्टरों की योग्यता की जांच करने के निर्देश दिए हैं। आयोग का कहना है कि ऐसी लापरवाह और धोखाधड़ीपूर्ण चिकित्सा पद्धतियां मानव अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हैं और इससे नागरिकों के जीवन के मौलिक अधिकार पर खतरा पैदा हो जाता है।
क्या है मामला?
दमोह के मिशन अस्पताल में एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा की गई सर्जरी के चलते लगातार सात मरीजों की मौत हो गई। जांच में सामने आया कि उक्त डॉक्टर के पास न तो कार्डियोलॉजी की विशेषज्ञता थी और न ही मान्यता प्राप्त योग्यता, बावजूद इसके उसे कार्डियक सर्जरी करने की अनुमति दी गई थी।
NHRC के निर्देश:
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सभी राज्यों को भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि कैथ लैब्स में कार्यरत हर डॉक्टर की डिग्री, पंजीयन और विशेष प्रशिक्षण की जांच की जाए।
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यदि किसी भी संस्थान में फर्जी या अपात्र डॉक्टर पाया जाता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
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आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से भी विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
आगे की कार्रवाई:
राज्य सरकार ने दमोह मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी है, जबकि मिशन अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।