पोहरी जनपद के बमरा गांव के ग्रामीण ने शिवपुरी कलेक्टर से लगाई गुहार, कहा- ‘मैं जिंदा हूं, मुझे सरकारी दस्तावेजों में भी जिंदा किया जाए’
पोहरी जनपद के बमरा गांव के एक ग्रामीण ने शिवपुरी कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में एक हैरान कर देने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि वे जिंदा हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में उनकी मृत्यु दर्ज कर दी गई है। इस मामले में उन्होंने ग्राम पंचायत सचिव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर यह गलत दस्तावेज तैयार किए हैं।
दस्तावेजों में दर्ज मौत का प्रभाव
ग्रामीण का कहना है कि उनके नाम पर मृत्युदर्ज़ होने के कारण वे विभिन्न सरकारी योजनाओं और लाभों से वंचित रह गए हैं। ऐसे में उन्होंने कलेक्टर से आग्रह किया है कि उनके दस्तावेजों में सुधार किया जाए और उन्हें ‘जिंदा’ दर्ज किया जाए ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें।
पंचायत सचिव पर आरोप
ग्रामीण ने आरोप लगाया है कि पंचायत सचिव ने उनकी जानबूझकर मृत्यु दर्ज करवा दी है। उनका कहना है कि यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसका उद्देश्य उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित रखना है।
कलेक्टर ने जताई संवेदनशीलता
शिवपुरी कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने ग्रामीण से कहा कि वे मामले की पूरी जांच कराकर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करेंगे ताकि ग्रामीण को उनके हक मिले।
जनसुनवाई में लोगों की भागीदारी बढ़ी
इस घटना के बाद जनसुनवाई में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है। कई ग्रामीण प्रशासन से अपने मुद्दों को लेकर मिल रहे हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन की विश्वसनीयता भी बढ़ रही है।