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RAJSAMAND  जिले में पटवारियाें की कमी व बेरोजगार युवाओं के मुद्दे रखे

 

राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!!  स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए विधायक ने कहा कि राजस्थान में बेरोजगारी के आंकड़े डराने वाले हैं। राष्ट्रीय औसत मात्र 7 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने नौकरी देने पर हाथ खड़े कर दिए। प्रदेश में नए उद्योग धंधे आ नहीं रहे हैं। विधायक ने जिंक की तरफ से रोजगार देने में स्थानीय युवाओं की उपेक्षा के विषय सवाल उठाते हुए मांग की कि उद्योगों में 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को दिए जाएं।खबरों से प्राप्त जानकर के अनुसार बताया जा रहा है कि,जिंक स्मेल्टर एवं खानों के अपशिष्टों से कृषि भूमि बेकार हो रही है। जिंक ने कोरोना काल में निकाले 80 मजदूरों को अभी तक भी वापस नहीं लिया है। हिन्दुस्तान जिंक का उत्पादन 5 लाख टन से बढ़कर 25 लाख टन हो गया। लेकिन मजदूरों की संख्या नहीं बढ़ी।

कंपनी में 2000 मजदूर ठेकेदारी पर काम कर रहे हैं। स्थायी मजदूरों की संख्या लगातार घटती जा रही है। नियमित उत्पादन का काम ठेके के मजदूरों से करवाना गलत है।आपकी जानकारी के लिए बता दे की,विधायक ने राज्य सरकार से प्रदेश में सरकारी एवं निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय नागरिकों को देने के लिए स्पष्ट नीति बनाने की मांग की। बेरोजगारी भत्ते पर सरकार का अपनी घोषणा से पीछे हटना जनता के साथ धोखा है। विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने राजसमंद उपचुनाव के बाद पहली बार विधानसभा में बेरोजगारी पर उद्बोधन दिया।बेरोजगारी भत्ते में स्नातक पास होने की शर्त के कारण ग्रामीण युवा इससे वंचित रह जाते हैं। 1कांग्रेस के झूठे वादों पर विश्वास करके युवाओं ने इस पार्टी की सरकार बनवा दी थी।विधायक ने माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक पर बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के कुशल प्रबंधन से जीएसटी का संग्रह 1 लाख 16 करोड़ रुपए महीना हो गया। प्रदेश में झूठे एवं नकली बीजकों से आगत कर चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है। राज्य सरकार अधिकारियों पर अंकुश लगा कर ईमानदार करदाताओं को परेशान करने से रोके।