×

वीडियो में देखें बेंगलुरु में घायल पति की मदद के लिए गिड़गिड़ाती रही पत्नी, अस्पतालों और एंबुलेंस की कमी ने ली जान

 

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 13 दिसंबर को एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया। घायल पति की मदद के लिए सड़क पर गिड़गिड़ाती पत्नी की कोशिशें विफल रहीं और अंततः पति की मौत हो गई। घटना की भयावहता इस बात में है कि मदद के अभाव और अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण जीवन बचाना संभव नहीं हो सका।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/tE4EQ8VEcm4?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/tE4EQ8VEcm4/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

पीड़ित परिवार दक्षिण बेंगलुरु के बालाजी नगर का रहने वाला है। 34 वर्षीय वेंकटरमनन शनिवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे अचानक सीने में तेज दर्द से परेशान हो गए। उनकी पत्नी रूपा रमनन ने तुरंत उन्हें स्कूटी पर बैठाकर पास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने की कोशिश की, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। इसके बाद वे दूसरे अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां भी एंबुलेंस और त्वरित मदद नहीं मिली।

इस बीच सड़क पर मदद की गुहार लगाते हुए रूपा रमनन लगभग 15 मिनट तक लोगों से मदद मांगती रहीं। कई वाहन उनके पास से गुजरते रहे, लेकिन कोई भी रुककर सहायता नहीं की। इसी दौरान वेंकटरमनन तड़प-तड़पकर दम तोड़ गए।

स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर इस घटना ने गहरा आक्रोश पैदा किया है। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि घायल पति और मदद मांगती पत्नी के पास कई वाहन गुजरते रहे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं इमरजेंसी सेवाओं की कमी और नागरिकों की संवेदनशीलता की कमी को उजागर करती हैं। शहरों में समय पर अस्पताल पहुंच और तुरंत एंबुलेंस की उपलब्धता जीवन रक्षा में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

इस दर्दनाक हादसे ने प्रशासन और नागरिकों दोनों के लिए चेतावनी भेजी है कि आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित सहायता उपलब्ध कराना और सड़क पर फंसे मरीजों की मदद करना कितना जरूरी है।