आखिर क्यों कर्नाटक सरकार ने लगाई प्रिंसिपल के अवार्ड पर रोक, जानें क्या हैं पूरा मामला ?
कर्नाटक न्यूज डेस्क !!! शिक्षक दिवस पर स्कूलों और सभी शिक्षण संस्थानों में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाएगा। कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल रामकृष्ण बीजी को वर्ष 2024-25 के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल का पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी, लेकिन एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। इसकी वजह कोई ताज़ा घटना नहीं बल्कि पुरानी घटना है. चयनकर्ताओं और शिक्षाविदों ने रामकृष्ण बीजी को पुरस्कार दिए जाने पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि वह पिछली भाजपा सरकार के दौरान हिजाब विवाद के लिए जिम्मेदार लोगों में से थे। ऐसे में सरकार ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.
रामकृष्ण पर हिजाब विवाद को जन्म देने का आरोप
उडुपी कॉलेज के प्रिंसिपल को शिक्षक दिवस सम्मान की घोषणा पर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने आपत्ति जताई है. प्रिंसिपल रामकृष्ण को बीजेपी सरकार के दौरान पुराने हिजाब विवाद से जोड़ा गया है। आरोप है कि रामकृष्ण ने अज्ञात नंबरों से भड़काऊ और नफरत भरे संदेश भेजकर विवाद को जन्म दिया था। दिसंबर 2021 में उडुपी के पीयू कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया जो पूरे राज्य में फैल गया। इससे मुस्लिम छात्रों और समुदाय में आक्रोश फैल गया, जिससे शिक्षा व्यवस्था भी बाधित हो गयी.
हिजाब पहनने पर छात्रों को कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं थी
साल 2022 में हिजाब विवाद और बढ़ गया. कुंदापुर पीयू कॉलेज में 28 छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में प्रवेश नहीं करने दिया गया. इसके बाद से ही इस विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया था. देशभर के मुस्लिम कॉलेज छात्र सड़कों पर उतर आये.
एसडीपीआई नेता ने यह ट्वीट किया
एसडीपीआई दक्षिण कन्नड़ के अध्यक्ष अनवर सदाथ बजथुर ने एक्स पर ट्वीट किया कि प्रिंसिपल ने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज आने से रोक दिया। महीनों तक सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर किया, ऐसे व्यक्ति को प्राचार्य रहने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस की कर्नाटक सरकार ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए क्यों नामांकित किया है?