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Karnataka हाईकोर्ट ने शाओमी इंडिया को ओवरड्राफ्ट लेने, भुगतान करने की अनुमति दी

 
कनार्टक न्यूज डेस्क !!! प्रमुख टेक दिग्गज शाओमी इंडिया को एक बड़ी राहत देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने इसे बैंकों से ओवरड्राफ्ट लेने और भुगतान करने की अनुमति दी है। हालांकि, अदालत ने प्रौद्योगिकी रॉयल्टी के भुगतान को बाहर रखा है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. सुनील दत्त यादव ने भी गुरुवार को अंतरिम आदेश को 23 मई तक के लिए बढ़ा दिया और कहा कि मामला अब बैंकों और याचिकाकर्ता कंपनी के बीच है।अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 29 अप्रैल को 5,513.3 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि जब्त करने के आदेश पर सशर्त रोक लगा दी थी। ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 को लागू करने के बाद यह कदम उठाया है।वरिष्ठ अधिवक्ता एस. गणेशन ने तर्क दिया कि शाओमी इंडिया को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि यह एक चीनी कंपनी है और अन्य कंपनियों को प्रौद्योगिकी रॉयल्टी का भुगतान करने की अनुमति है। 5 मई को पहले के अंतरिम आदेश पर स्पष्टीकरण मांगते हुए, उन्होंने तर्क दिया था कि बैंक शाओमी को अदालत के आदेश के बाद आयात के लिए विदेशी मुद्रा में प्रेषण करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।

उन्होंने समझाया कि कंपनी को स्मार्टफोन के निर्माण और विपणन के संबंध में विदेशी कंपनियों के लिए भुगतान करने की आवश्यकता है।अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एम.बी. नरगुंड ने कहा कि अगर शाओमी जब्त राशि को बैंक में रखने और शेष राशि का उपयोग करने के लिए सहमत है तो अधिकारियों को कोई शिकायत नहीं है।उन्होंने अदालत के संज्ञान में लाया कि 24 और 29 अप्रैल को, ईडी द्वारा शाओमी के बैंक खातों को जब्त करने का आदेश पारित करने से पहले, उपलब्ध जानकारी के अनुसार कंपनी के बैंक खातों से लगभग 1,500 करोड़ रुपये का हस्तांतरण हुआ था। हालांकि शाओमी का कहना है कि विदेश में तीन कंपनियों को किए गए रॉयल्टी भुगतान एफईएमए अधिनियम का उल्लंघन नहीं करेंगे। कंपनी ने आगे कहा कि आई-टी विभाग ने ही इसे मूल्य वर्धित गतिविधि के रूप में अनुमति दी थी।

--आईएएनएस

बेंगलुरू न्यूज डेस्क् !! 

एसकेके/एसकेपी