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farmers’movement में कबड्डी खिलाड़ी, पहलवान और पंजाबी गायक शामिल हुए

 

किसान आंदोलन बुधवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच पंजाब के एक दर्जन से अधिक कबड्डी खिलाड़ी, पहलवान और गायक इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। इन्होंने हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ 32 से अधिक किसान यूनियनों को अपना समर्थन दिया है। खिलाड़ी, पहलवान और लोकप्रिय पंजाबी गायक रवींद्र ग्रेवाल दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर सिंघु बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। सिंघु बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) और अन्य किसान यूनियनें 26 नवंबर से विरोध कर रही हैं।

ये लोग संसद के मानसून सत्र के दौरान सितंबर में पारित किए गए तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में सामने आए हैं।

पंजाब की 10 महिला कबड्डी खिलाड़ियों के एक समूह ने कहा कि वे किसानों का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि पिछले तीन महीनों से राज्य में विरोध प्रदर्शन के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया है।

कबड्डी टीम की लीडर सुरजीत कौर ने आईएएनएस से कहा, “तीन महीने से अधिक लंबे किसानों के विरोध का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा, इसलिए उन्होंने दिल्ली का रुख किया। खेल की प्रगति किसानों की प्रगति पर निर्भर है। अगर किसान प्रगति नहीं करते हैं, तो फिर खिलाड़ी कैसे प्रगति करेंगे।”

कौर ने कहा कि उनकी टीम विश्व स्तरीय है और खिलाड़ियों ने एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य देशों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया है।

महिला खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन कथित किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने और किसानों की मांगों को स्वीकार करने की अपील की।

उन्होंने कहा, “किसान अपना संघर्ष जारी रखेंगे। वे समाधान किए बिना वापस नहीं लौटेंगे। हम तब तक आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक सरकार किसानों की मांगों पर सहमत नहीं हो जाती।”

बुधवार को दोपहर में जैसे ही पंजाबी गायक ग्रेवाल विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, उनके प्रशंसकों ने अपने मोबाइल फोन पर फोटो लेनी शुरू कर दी।

इस बीच पहलवानों का एक समूह ‘लंगर’ बांटने में व्यस्त दिखा। लंगर सिख समुदाय में एक सेवा है, जो धर्म के आधार पर भेदभाव किए बिना सभी को मुफ्त भोजन प्रदान करने करती है।

पहलवान प्रदीप कुमार, जो अपने कई साथियों के साथ लंगर बांटने में व्यस्त थे, उन्होंने आईएएनएस को बताया कि वे उस दिन से विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं, जब पंजाब से किसान सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे थे।

कुमार ने कहा, “हमने दिन के दौरान प्रदर्शनकारियों को भोजन वितरित किया और विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए।”

सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पिछले सात दिनों से हजारों किसान डटे हुए हैं। इसके अलावा सैकड़ों प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-गाजियाबाद मार्ग पर गाजीपुर और दिल्ली-नोएडा मार्ग पर चिल्ला जैसे अन्य दिल्ली से लगने वाले बॉर्डर को अवरुद्ध कर दिया है।

नयूज स्त्रोत आईएएनएस