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रांची में बन रही अनोखी पांच मंजिला इमारत: बिना ईंट, बालू और पत्थर के हो रहा निर्माण

 

आधुनिकता और नवाचार का एक नया उदाहरण इन दिनों झारखंड की राजधानी रांची में देखने को मिल रहा है। यहां एक ऐसी पांच मंजिला इमारत का निर्माण हो रहा है, जो पारंपरिक भवन निर्माण की सभी मान्यताओं को चुनौती देती है। इस अनोखी इमारत में ना तो ईंटों का उपयोग हुआ है, ना ही बालू और पत्थरों का। यहां तक कि सीमेंट का भी बहुत सीमित मात्रा में प्रयोग किया गया है।

क्या है इस इमारत की खासियत?

यह इमारत पूरी तरह से फैक्ट्री-मेड यानी प्रीफैब्रिकेटेड टेक्नोलॉजी से तैयार की जा रही है। निर्माण में स्टील स्ट्रक्चर, रेडीमेड पैनल, और विशेष तरह की थर्मल इंसुलेटेड सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह तकनीक न केवल पारंपरिक निर्माण की तुलना में तेज़ है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी काफी अनुकूल मानी जा रही है।

पर्यावरण के अनुकूल पहल

इस निर्माण पद्धति में प्राकृतिक संसाधनों का न्यूनतम दोहन होता है। न बालू की जरूरत, न भारी-भरकम पत्थरों की खुदाई, और न ही ईंट भट्टों से निकलने वाले धुएं का प्रदूषण। ऐसे में यह तकनीक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना आधुनिक भवन खड़ा करने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है।

समय और लागत दोनों की बचत

निर्माण विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह की इमारतों को बनाने में सामान्य कंस्ट्रक्शन की तुलना में 50% तक कम समय लगता है। साथ ही, इसकी लागत भी लगभग 20-25% तक कम आती है। यही वजह है कि बड़े शहरों के साथ-साथ अब रांची जैसे विकासशील शहरों में भी यह तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

किस उद्देश्य से हो रहा निर्माण?

जानकारी के अनुसार यह पांच मंजिला इमारत एक कॉर्पोरेट कार्यालय के रूप में तैयार की जा रही है। इसका ढांचा पूरी तरह से भूकंप-रोधी और अग्नि-सुरक्षित बनाया जा रहा है। साथ ही, भवन में ग्रीन बिल्डिंग के मानकों का विशेष ध्यान रखा गया है।

भविष्य की झलक

रांची में हो रहा यह निर्माण न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से उन्नत है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि आने वाले समय में भारत के छोटे-बड़े शहरों में पारंपरिक निर्माण के स्थान पर स्मार्ट, टिकाऊ और पर्यावरण-हितैषी तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ेगा।