राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस वर्ष विजयादशमी पर पूरा करेगा स्थापना का शताब्दी वर्ष
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस वर्ष विजयादशमी के दिन अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। यह संगठन 1925 में स्थापित हुआ था और आज भारत के सबसे बड़े और प्रभावशाली सामाजिक-राजनीतिक संगठनों में से एक माना जाता है।
शताब्दी वर्ष का महत्व
आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ उसकी लंबी इतिहास और देश के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में उसकी भूमिका का जश्न मनाने का अवसर है। इस मौके पर देशभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें प्रमुख नेता, स्वयंसेवक और समाज के विभिन्न वर्ग भाग लेंगे।
कार्यक्रमों की रूपरेखा
विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्तर पर भव्य आयोजन किए जाएंगे। इस दौरान संगठन की उपलब्धियों और योगदानों को याद किया जाएगा। साथ ही भविष्य के लिए नई योजनाओं और लक्ष्यों की घोषणा भी की जाएगी।
आरएसएस का प्रभाव
आरएसएस ने दशकों से देश में सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकता और सेवा भाव को बढ़ावा दिया है। इसके स्वयंसेवक शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाते आए हैं।