श्रावणी मेला 2025 का उद्घाटन 10 जुलाई को, तैयारियों को लेकर प्रशासन सतर्क
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का उद्घाटन इस वर्ष 10 जुलाई, गुरुवार को सुबह 10 बजे दुम्मा मुख्य द्वार से किया जाएगा। यह मेला बाबा बैद्यनाथधाम में आयोजित होने वाले श्रावण मास के धार्मिक आयोजन का एक अहम हिस्सा है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं। इस पावन अवसर की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने कमर कस ली है।
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर श्रावणी मेला की तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उद्घाटन समारोह का आयोजन पूरी श्रद्धा और गरिमा के साथ किया जाएगा। इस बार मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं।
डीसी ने बताया कि मेला की तैयारियों को लेकर राज्य के मंत्री सुदिव्य कुमार की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के सचिवों ने भी भाग लिया। बैठक में मेला के दौरान स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, यातायात, सफाई, सुरक्षा, और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर गंभीरता से चर्चा की गई और सभी विभागों को निर्देश दिया गया कि वे समय पर कार्य पूरा करें।
श्रावणी मेला में प्रतिवर्ष लाखों कांवरिए सुल्तानगंज से पवित्र गंगाजल लेकर लगभग 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा बैद्यनाथ मंदिर पहुंचते हैं। प्रशासन ने इस वर्ष कांवरियों की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें सुविधाजनक अनुभव देने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान तैयार किया है। जगह-जगह रूट मैप, संकेतक बोर्ड, मेडिकल कैम्प और राहत शिविर लगाए जा रहे हैं।
उपायुक्त ने बताया कि इस बार मेला क्षेत्र को सात जोन में बांटा गया है, प्रत्येक जोन में एक नोडल अधिकारी की तैनाती की गई है। CCTV कैमरों से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT), होमगार्ड, एनडीआरएफ की टीमों को भी सक्रिय रखा जाएगा।
श्रावणी मेला को लेकर स्थानीय व्यापारियों, धर्मस्थलों के पुजारियों और स्वयंसेवी संगठनों के साथ भी समन्वय बैठकें की जा चुकी हैं। सभी ने सहयोग का भरोसा दिलाया है, जिससे यह आयोजन और भी सफल और सुरक्षित हो सके।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित मार्गों का ही उपयोग करें, प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और मेला को शांतिपूर्ण और भक्ति-भाव से सम्पन्न बनाने में सहयोग दें।