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झारखंड में भीषण ठंड और शीतलहर, न्यूनतम तापमान 10°C से नीचे

 

राज्य में ठंड और शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। रांची समेत झारखंड के 15 से अधिक जिलों में कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार कई जिलों का न्यूनतम तापमान अब 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं का सीधा असर झारखंड के मौसम पर पड़ रहा है। राज्य के ऊपरी क्षेत्रों में सुबह और रात के समय लोगों को अत्यधिक ठंड का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बुजुर्ग और बच्चे ठंड से अधिक प्रभावित हो रहे हैं।

रांची और आसपास के इलाकों में सर्दी इतनी बढ़ गई है कि स्कूलों और कार्यालयों में सुबह की शिफ्ट में आने-जाने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क और सार्वजनिक परिवहन पर भी ठंड का असर दिख रहा है, जिससे यातायात में लोगों को असुविधा हो रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को चेतावनी दी है कि ठंड में खुले में देर तक रहने से हाइपोथर्मिया और सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े पहनना और गर्म पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए।

मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भी चेतावनी जारी की है। उनके अनुसार, अगले दो से तीन दिनों तक ठंड और शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है। इस दौरान बर्फबारी और उत्तर से आने वाली ठंडी हवाओं का असर राज्य में और बढ़ सकता है।

सरकारी और स्थानीय प्रशासन ने भी लोगों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। सड़कों और सार्वजनिक जगहों पर हीटर और गर्म पेय की व्यवस्था की गई है। कुछ जिलों में राहत शिविरों की भी व्यवस्था की गई है ताकि जरूरतमंद लोग ठंड से बच सकें।

विशेषज्ञों का कहना है कि झारखंड जैसे राज्यों में ठंड और शीतलहर के दौरान सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे रात के समय अधिक देर तक बाहर न रहें और छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल करें।

बर्फबारी और शीतलहर का प्रभाव केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि दैनिक जीवन और आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ रहा है। खेतों में काम करने वाले किसान, दैनिक मजदूर और बाहरी काम करने वाले लोग इस ठंड का सीधा सामना कर रहे हैं। स्थानीय बाजारों में गर्म कपड़े, कम्बल और हीटर की मांग बढ़ गई है।

इस प्रकार झारखंड में ठंड और शीतलहर ने राज्यवासियों के जीवन को प्रभावित कर दिया है। मौसम विभाग और प्रशासन की चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए लोगों को सावधानी बरतनी होगी। आने वाले दिनों में यह स्थिति बनी रह सकती है, इसलिए जनता को अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता है।