बगावत का बदला इनाम से! 2025 में लालू यादव ने लगाया बड़ा दांव, बहू के बाद ससुर की भी लगी लॉटरी
राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता पर भरोसा जताते हुए उन्हें संगठन की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। सदर प्रखंड के कारी गांव निवासी सत्यानंद भोक्ता ने अपने मनोनयन पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया है और कहा है कि वे पूरी निष्ठा से संगठन के प्रति समर्पित रहेंगे।बता दें कि सत्यानंद भोक्ता चतरा की राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। ढाई दशक के राजनीतिक करियर में उन्होंने तीन बार चतरा विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व किया और पांच बार मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की थी और वर्तमान में राजद का परचम लहरा रहे हैं।
सत्यानंद भोक्ता वर्ष 2000 में पहली बार भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उस समय झारखंड अस्तित्व में नहीं आया था। राज्य गठन के करीब तीन साल बाद अर्जुन मुंडा सरकार में वे पहली बार पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बने। इसके बाद 2005 का चुनाव जीतकर वे मुंडा सरकार में दूसरी बार कृषि एवं गन्ना विकास मंत्री बने।2009 का चुनाव उन्होंने चतरा की बजाय सिमरिया विधानसभा क्षेत्र से लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। सत्यानंद भोक्ता बगावत करके तत्कालीन झारखंड विकास मोर्चा में चले गए और चतरा से किस्मत आजमाई, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
भोक्ता को भाजपा के जयप्रकाश सिंह ने हराया। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सत्यानंद भोक्ता ने झारखंड विकास मोर्चा को अलविदा कह दिया और राजद में शामिल हो गए। पार्टी ने कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवार बनाया। सत्यानंद भोक्ता एक बार फिर विधायक बनने में सफल रहे। वे राजद के इकलौते विधायक थे, इसलिए हेमंत सरकार में उन्हें श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री बनाया गया।
ढाई साल बाद जब नेतृत्व परिवर्तन हुआ और चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने, तो उन्हें उनकी सरकार में भी मंत्री बनाया गया। इसी तरह, जब हेमंत सोरेन जेल से वापस लौटे और दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो उसमें भी उन्होंने मंत्री के तौर पर अपनी उपस्थिति बनाए रखी। हालाँकि, इसी बीच, वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने भोक्ता जाति को अनुसूचित जाति से अलग करके अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल कर दिया।
परिणामस्वरूप, वे 2024 के चुनाव में अपनी किस्मत नहीं आजमा सके, लेकिन अपनी राजनीतिक उपस्थिति बनाए रखने के लिए उन्होंने बहू रश्मि प्रकाश को मैदान में उतारा। चूँकि पूर्व मंत्री ने इसी उद्देश्य से अपने बेटे का अंतर्जातीय विवाह किया है, इसलिए रश्मि प्रकाश ने विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन संयोगवश जीत नहीं पाईं।
बहू रश्मि प्रकाश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष
पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मि प्रकाश को भी संगठन ने फिर से बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। उन्हें फिर से राजद महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। दो दिन पहले ही प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव ने उनका मनोनयन किया है।प्रदेश अध्यक्ष ने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को मनोनयन की जानकारी दे दी है। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि विभिन्न प्रकोष्ठों का गठन किया गया है। इसके तहत रश्मि प्रकाश को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें महिला मोर्चा की जिम्मेदारी सौंपी थी। नई कमेटी में उन्हें एक बार फिर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।