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झारखंड दौरे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, राजभवन में मेधावी छात्रा रश्मि बिरहोर से की मुलाकात

 

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इन दिनों अपने दो दिवसीय झारखंड दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान उनका विशेष फोकस झारखंड के वंचित और पिछड़े वर्गों पर रहा। गुरुवार को राष्ट्रपति ने रांची स्थित राजभवन में विशेष रूप से वंचित जनजातीय समूह (PVTG) की एक मेधावी छात्रा रश्मि बिरहोर से मुलाकात की। यह मुलाकात न केवल प्रेरणादायक रही, बल्कि यह भी दर्शाती है कि शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों को पार कर किस तरह जनजातीय समुदाय की बेटियां भी देश की मुख्यधारा में स्थान बना रही हैं।

रश्मि बिरहोर झारखंड के बिरहोर जनजाति से आती हैं, जो कि राज्य के अत्यंत वंचित समुदायों में गिनी जाती है। रश्मि वर्तमान में अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं और उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। राष्ट्रपति ने उनकी उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि रश्मि जैसी बेटियां आज पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

राष्ट्रपति मुर्मु ने इस अवसर पर कहा, “रश्मि जैसी बेटियों को देखकर यह विश्वास और मजबूत होता है कि यदि अवसर मिले तो हर वर्ग, हर समुदाय की बेटियां देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकती हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य यही है कि देश के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की रोशनी पहुंचे।

मुलाकात के दौरान रश्मि ने राष्ट्रपति के साथ अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे उन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद अपनी पढ़ाई जारी रखी। रश्मि ने राष्ट्रपति को बताया कि वह आगे चलकर अपने समाज के लिए कुछ करना चाहती हैं और शिक्षा के माध्यम से अपने समुदाय की स्थिति में सुधार लाना चाहती हैं।

राष्ट्रपति की यह पहल न केवल प्रतीकात्मक रही, बल्कि यह भी संदेश देती है कि केंद्र और राज्य सरकारें अब वंचित वर्गों के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दे रही हैं। झारखंड सरकार की ओर से भी PVTG समुदायों के बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ रश्मि बिरहोर जैसे छात्र-छात्राएं उठा रहे हैं।

राष्ट्रपति का यह दौरा झारखंड के विकास और सामाजिक समरसता की दिशा में एक अहम कड़ी साबित हो रहा है, जिसमें शिक्षा, स्वावलंबन और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे केंद्र में हैं। रश्मि बिरहोर से राष्ट्रपति की मुलाकात एक ऐसे भविष्य की झलक देती है जहां हर बच्चा, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से क्यों न हो, आगे बढ़ सकता है।