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Jhaarkhand:ऑक्सीजन के संकट के दौरान झारखंड में चालु हो सकते हैं ऑक्सीजन के दो प्लांट

 

कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा लड़ाई ऑक्सीजन की है। अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं मिलने से कई मरीजों की जान जा चुकी है। सौभाग्य से, झारखंड में ऑक्सीजन बेहतर मात्रा में उपलब्ध है। सैकड़ों टन ऑक्सीजन जमशेदपुर और बोकारो से यूपी सहित विभिन्न राज्यों में भेजा गया है। मालूम चला है की जमशेदपुर से सटे मउभंडार में ऑक्सीजन प्लांट, 2 साल से बंद है। पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के लिए ये प्लांट स्थापित किया गया था। भारत सरकार का प्लांट कुछ कारणों से बंद है, इसलिए यह ऑक्सीजन प्लांट भी बंद पड़ा हुआ है।

जानकारी के अनुसार, भगवती ऑक्सीजन प्लांट के अधिकारी हिमांशु शर्मा के अनुसार प्लांट की उत्पादन क्षमता 150 टन प्रतिदिन है। इसकी गुणवत्ता भी 93 प्रतिशत है। कंपनी केवल हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को ऑक्सीजन देती थी, लेकिन हिंदुस्तान कॉपर के बंद होने के बाद ऑक्सीजन प्लांट भी बंद हो गया। लेकिन इसकी उत्पादन क्षमता प्रति घंटे 200 सिलेंडर भरने की है। इस हिसाब से हर दिन 30 किलो के लगभग 5000 सिलेंडर भरे जा सकते हैं। यदि इस प्लांट को कोविड अवधि के दौरान उत्पादन करने की अनुमति है, तो हम सिर्फ आधे घंटे में इसका उत्पादन शुरू कर सकते है। जिला प्रशासन चाहे तो एचसीएल अस्पताल और उसके गेस्ट हाउस को कोविड अस्पताल बना सकता है, हम पाइपलाइन से ऑक्सीजन देंगे।

द हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) प्रबंधन के साथ इस विषय में पत्राचार किया गया है। इलाके के प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में लगातार प्रयासरत है। अगर प्लांट चालू हो जाता है, तो घाटशिला, मुसाबनी, मउभंडार, डुमरिया, चाकुलिया और बहरागोड़ा की लगभग पांच लाख आबादी इससे लाभान्वित होगी। घाटशिला अंचल अधिकारी राजीव कुमार बताते हैं कि प्लांट की उत्पादन क्षमता बहुत अच्छी है। अगर यह ऑक्सीजन प्लांट कल से शुरू हो जाता है, तो बहुत सारे लाभ होंगे। इस क्षेत्र के लोगों को भरपूर ऑक्सीजन मिलेगी। हम जल्द ही उत्पादन शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं।