नए साल पर आस्था का संगम: रांची का तपोवन मंदिर, जहां उमड़ती है ‘मिनी अयोध्या’ जैसी श्रद्धा
नए साल की शुरुआत आस्था और श्रद्धा के साथ करने की परंपरा देशभर में गहराई से जुड़ी हुई है। साल के पहले दिन बड़ी संख्या में लोग धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए निकलते हैं। झारखंड की राजधानी रांची में स्थित निवारणपुर का अति प्राचीन तपोवन मंदिर भी ऐसे ही श्रद्धालुओं का प्रमुख केंद्र है, जिसे श्रद्धा से लोग ‘मिनी अयोध्या’ कहते हैं।
करीब 400 साल पुराना तपोवन मंदिर रांची ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड में राम भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है। यहां भगवान श्रीराम और माता जानकी विराजमान हैं। मान्यता है कि नए साल के पहले दिन यहां दर्शन करने से साल भर सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसी विश्वास के साथ हर वर्ष 1 जनवरी को मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
स्थानीय पुजारियों और मंदिर समिति के अनुसार, तपोवन मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बेहद खास है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में यह स्थान तपस्या और साधना का प्रमुख केंद्र रहा है। मंदिर के आसपास फैला शांत वातावरण और घने पेड़-पौधे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराते हैं।
श्रद्धालुओं का विश्वास है कि श्रीराम-जानकी के दर्शन कर सच्चे मन से मांगी गई मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि नए साल के अलावा राम नवमी, दीपावली और सावन जैसे पर्वों पर भी यहां विशेष भीड़ देखने को मिलती है। दूर-दराज से आए श्रद्धालु सुबह से ही कतार में लगकर भगवान के दर्शन करते हैं।
मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन, राम नाम जप और आरती का विशेष आयोजन किया जाता है। नए साल के मौके पर भक्तों के लिए प्रसाद वितरण और धार्मिक अनुष्ठानों की भी व्यवस्था रहती है। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि तपोवन मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और विश्वास का केंद्र है। कई भक्त हर साल यहां आकर नए वर्ष की शुरुआत करते हैं और पूरे परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
रांची आने वाले पर्यटक भी इस मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शहर की भागदौड़ से दूर यह स्थान मन को सुकून देता है और श्रद्धालुओं को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। यही वजह है कि इसे ‘मिनी अयोध्या’ के नाम से जाना जाता है।