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झारखंड कांग्रेस में नई ऊर्जा: राहुल गांधी और खरगे से मुलाकात के बाद विधायकों में बढ़ी उम्मीदें

 

झारखंड कांग्रेस के विधायकों और कांग्रेस कोटे से राज्य सरकार में शामिल चार मंत्रियों की हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ हुई बैठक ने पार्टी में नई ऊर्जा और उम्मीदों का संचार किया है। इस मुलाकात के बाद राज्य के कांग्रेस विधायकों में न केवल आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि उन्हें पार्टी नेतृत्व से संस्थागत समर्थन की भी उम्मीद बंधी है।

पार्टी आलाकमान के साथ अहम बातचीत

दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में झारखंड के संगठनात्मक मुद्दों, सरकार में कांग्रेस की भूमिका, और आगामी राजनीतिक रणनीति को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने सभी विधायकों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर उनकी समस्याएं और सुझाव सुने। खास बात यह रही कि यह बैठक केवल औपचारिक नहीं रही, बल्कि इसमें जमीनी स्तर के मुद्दों और संगठन की मजबूती को लेकर ठोस बातचीत हुई।

विधायकों को मिली भरोसे की ताकत

बैठक में शामिल एक विधायक ने कहा, "पहली बार ऐसा लगा कि पार्टी हाईकमान हमारी बात गंभीरता से सुन रहा है। हमने सरकार में सहयोगी भूमिका, मंत्रियों के कार्य, संगठन की स्थिति और 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर चर्चा की।"

विधायकों को यह भी भरोसा दिलाया गया कि कांग्रेस आलाकमान झारखंड में संगठन को मजबूत करने के लिए व्यापक फेरबदल और रणनीतिक दिशा निर्देश देने जा रहा है।

मंत्रियों की भूमिका पर भी चर्चा

बैठक में राज्य सरकार में कांग्रेस कोटे के चार मंत्रियों की कार्यशैली और जनता के बीच उनकी पकड़ पर भी चर्चा हुई। आलाकमान ने स्पष्ट संकेत दिए कि कामकाज में पारदर्शिता और जनता से जुड़ाव को प्राथमिकता दी जाएगी। संभव है कि आगामी समय में मंत्रियों के प्रदर्शन के आधार पर फेरबदल पर भी विचार हो।

क्या बदल सकता है समीकरण?

राज्य में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से कांग्रेस की भूमिका और दायित्व बढ़े हैं। इन हालातों में पार्टी के भीतर एकजुटता बनाए रखना, संगठनात्मक मजबूती और नेतृत्व के स्पष्ट संकेत बेहद जरूरी थे। इस बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि पार्टी आलाकमान अब झारखंड को प्राथमिकता पर रखे हुए है और आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर गंभीर है।