झारखंड शराब घोटाला, प्रिज्म होलोग्राफी के एमडी विधु गुप्ता गिरफ्तार, एसीबी ने भेजा जेल
झारखंड में चर्चित शराब घोटाले की जांच में तेजी आ गई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले में शुक्रवार को प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) विधु गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई से शराब घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।
कई घंटे तक चली पूछताछ
जानकारी के मुताबिक, एसीबी ने विधु गुप्ता को साक्ष्यों और वित्तीय दस्तावेजों की पड़ताल के लिए पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ का दौर कई घंटों तक चला, जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। शाम को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश मिला।
घोटाले में आठवीं गिरफ्तारी
विधु गुप्ता, झारखंड शराब घोटाले मामले में एसीबी द्वारा गिरफ्तार किए गए आठवें आरोपी हैं। इससे पहले भी कई सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसीबी इस घोटाले में शराब आपूर्ति, होलोग्राम छपाई, टैक्स चोरी और कमीशनबाजी जैसे कई पहलुओं की जांच कर रही है।
क्या है प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी की भूमिका?
प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी पर आरोप है कि उसने शराब की बोतलों पर लगाए जाने वाले होलोग्राम के निर्माण और आपूर्ति में अनियमितता की है। यही होलोग्राम सरकार की ओर से वैध शराब की पहचान का जरिया होता है। होलोग्राम छपाई में हुई गड़बड़ी और कथित सांठगांठ के कारण राज्य को भारी राजस्व नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
घोटाले की रकम और दायरा
सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला कई सौ करोड़ रुपये का हो सकता है। इसमें शराब आपूर्ति से लेकर होलोग्राम सप्लाई और टैक्स चोरी तक कई स्तर पर भ्रष्टाचार किए जाने के प्रमाण मिले हैं। एसीबी को शक है कि इस गड़बड़ी में सरकारी तंत्र और निजी कंपनियों की मिलीभगत रही है।
एसीबी की जांच और आगे की कार्रवाई
एसीबी की टीम अब वित्तीय लेन-देन, टेंडर प्रक्रिया और विभागीय फाइलों की गहन जांच कर रही है। जांच एजेंसी का कहना है कि जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इसके साथ ही, बैंक खातों की फॉरेंसिक ऑडिट और ईडी के सहयोग से मनी ट्रेल खंगाले जाने की भी तैयारी है।