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हजारीबाग भूमि घोटाला : सेवानिवृत्त IAS अधिकारी विनोद चंद्र झा गिरफ्तार

 

झारखंड के बहुचर्चित हजारीबाग भूमि घोटाले में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मंगलवार को सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विनोद चंद्र झा को रांची के धुर्वा स्थित साईं सिटी से गिरफ्तार कर लिया। लंबे समय से जांच के घेरे में रहे झा की गिरफ्तारी को इस घोटाले की जांच में अहम उपलब्धि माना जा रहा है।

क्या है मामला?

हजारीबाग जिले में वर्ष 2008-2011 के बीच जमीन की खरीद-फरोख्त में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप है। उस समय प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बड़े बिल्डरों और प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर भूमि का अवैध आवंटन किया। इस प्रकरण में सरकारी जमीन को भी निजी व्यक्तियों के नाम कर देने और राजस्व को करोड़ों का नुकसान पहुँचाने के गंभीर आरोप हैं।

विनोद चंद्र झा की भूमिका

सेवानिवृत्त आईएएस विनोद चंद्र झा उस समय हजारीबाग जिले में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे थे। एसीबी की जांच में सामने आया कि उनकी अनुमति और हस्ताक्षर से कई विवादित फाइलें पास की गईं। प्रारंभिक जांच में झा पर नियम विरुद्ध भूमि आवंटन, पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी गई थी।

एसीबी की कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, मंगलवार सुबह एसीबी की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर रांची के धुर्वा स्थित साईं सिटी अपार्टमेंट में दबिश दी। वहां से विनोद चंद्र झा को हिरासत में लेकर सीधे एसीबी मुख्यालय ले जाया गया। इसके बाद मेडिकल जांच और प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

राजनीतिक हलचल

पूर्व आईएएस की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दल इसे सरकार की नाकामी बताते हुए बड़े नेताओं और अधिकारियों तक जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

आगे की कार्यवाही

एसीबी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है। भूमि घोटाले में कई अन्य अधिकारियों, दलालों और प्रभावशाली लोगों की भी संलिप्तता की जांच जारी है। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

इस गिरफ्तारी के साथ ही हजारीबाग भूमि घोटाले की जांच ने नया मोड़ ले लिया है। अब देखना होगा कि अदालत में एसीबी किस तरह अपने पक्ष को मजबूती से रखती है और मामले में आगे कौन-कौन से चेहरे बेनकाब होते हैं।