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झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर ने गोवा के लैराई देवी हादसे पर जताया दुख

 

गोवा के शिरगांव में हर साल की तरह आयोजित की गई प्रसिद्ध लैराई देवी यात्रा इस बार एक दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गई। शनिवार तड़के इस धार्मिक आयोजन के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें पांच से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवकों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा उस वक्त हुआ जब हजारों श्रद्धालु मंदिर परिसर में सदियों पुरानी अग्नि पर चलने की रस्म को देखने और उसमें भाग लेने पहुंचे थे। यह परंपरा हर साल श्री लैराई देवी यात्रा के दौरान निभाई जाती है, जिसमें श्रद्धालु नंगे पांव जलते अंगारों पर चलते हैं। बताया जा रहा है कि एक ढलान वाले स्थान पर भीड़ का संतुलन बिगड़ गया, जिससे लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

इस त्रासदी पर झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “यह बेहद दुखद और हृदयविदारक घटना है। खबरों के अनुसार पांच से ज्यादा लोगों की जान गई है और कई घायल हुए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, किसी अफवाह के चलते अफरा-तफरी मची, जिससे यह घटना हुई।”

उन्होंने आगे अपील करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों पर दर्शन के समय श्रद्धालुओं को संयम और नियमों का पालन करना चाहिए। “धार्मिक आस्था महत्वपूर्ण है, लेकिन भीड़ नियंत्रण और प्रशासनिक सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं,” ठाकुर ने कहा।

घटना के बाद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए हादसे को बेहद दुखद बताया। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए मौके पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की है।

इसी बातचीत में राजेश ठाकुर ने चरणजीत सिंह चन्नी के सर्जिकल स्ट्राइक वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सवाल पूछना विपक्ष का कर्तव्य है, लेकिन जवाबदेही प्रधानमंत्री की है। “हमारे नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि अगर प्रधानमंत्री देश की सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाते हैं, तो कांग्रेस पूरी तरह साथ है। लेकिन पारदर्शिता जरूरी है, वरना संदेह होना स्वाभाविक है।”

उल्लेखनीय है कि श्री लैराई देवी यात्रा गोवा के सबसे प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें हर साल 50,000 से अधिक श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। लेकिन इस बार श्रद्धा का यह आयोजन हादसे का सबब बन गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और यह सुनिश्चित करने की बात कही है कि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।