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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, दिल्ली में ली अंतिम सांस

 

झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 4 अगस्त को देर रात अंतिम सांस ली। वे पिछले डेढ़ महीने से बीमार चल रहे थे और अस्पताल में इलाजरत थे।

लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे

सूत्रों के अनुसार, शिबू सोरेन को उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ सप्ताह से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी और डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी निगरानी कर रही थी। लेकिन शनिवार रात उन्होंने जीवन की अंतिम सांस ली।

झारखंड में शोक की लहर

उनके निधन की खबर जैसे ही झारखंड पहुंची, राज्य भर में शोक की लहर दौड़ गई। राजधानी रांची समेत कई जिलों में झंडे झुका दिए गए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो उनके पुत्र हैं, ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा,
"मेरे पिता, मेरे मार्गदर्शक और झारखंड आंदोलन के अगुआ हमारे बीच नहीं रहे। यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी क्षति है।"

राज्य सरकार ने राजकीय शोक की घोषणा करते हुए सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

आदिवासी समाज की आवाज थे 'गुरुजी'

शिबू सोरेन को आमतौर पर 'गुरुजी' के नाम से जाना जाता था। उन्होंने झारखंड के आदिवासी समाज के हक, अधिकार और सम्मान के लिए दशकों तक संघर्ष किया। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र में कोयला मंत्री सहित अन्य जिम्मेदार पदों पर भी रहे।

अंतिम संस्कार पैतृक गांव में होगा

परिवार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर पहले रांची लाया जाएगा, जहां जनता दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार दुमका जिले के नेमरा गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम यात्रा में राज्य और केंद्र सरकार के कई दिग्गज नेताओं के शामिल होने की संभावना है

राजनीतिक हस्तियों ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई अन्य नेताओं ने शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। सभी ने उन्हें आदिवासी स्वाभिमान और संघर्ष की मिसाल बताया।