Devghar कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर फैसला
सिविल सर्जन डाॅ श्याम किशाेर कांत ने कहा कि जांच कराएंगे, तभी पता चलेगा कि काेविड की तीसरी लहर है या वायरल। उन्हाेंने सभी प्राइवेट अस्पतालाें में 5 काेविड बेड तैयार रखने काे कहा। बैठक में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के लक्षण वाले बच्चों और वयस्कों की टेस्टिंग और रिपोर्ट आईडीएसपी के जिला नियंत्रण कक्ष और मलेरिया विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया।
अगस्त तक मेडिसीन विभाग में आ रहे थे 100 मरीज, अब बढ़कर 250
मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा यूके ओझा की मानें वायरल संक्रमण से बच्चों से लेकर बड़े तक प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि कई मामलों में रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। एसएनएमएमसीएच के ओपीडी के मेडिसिन विभाग में अगस्त में प्रतिदिन एक सौ मरीज आ रहे थे। वहीं अब सितंबर में इसकी संख्या बढ़कर 250 से अधिक हाे गई है। वहीं एसएनएमएमसीएच में शिशु रोग के एचओडी डॉ अविनाश कुमार, वेक्टर-जनित रोग के जिला सलाहकार रमेश कुमार ने जांच पर बल दिया।
तेजी से बढ़ रहे वायरल संक्रमित बच्चे एसएनएमएमसीएच अधीक्षक डॉ अरुण कुमार वर्णवाल ने कहा कि बढ़ते मरीजों को देखते हुए अस्पताल में अतिरिक्त वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन विभाग और शिशु रोग विभाग में आ रहे हैं। दोनों जगहों पर लगभग मरीजों में एक जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं। शिशु रोग विभाग में वायरल संक्रमण से संक्रमित बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है। बच्चों और बड़ों की संख्या बढ़ने के कारण चर्म रोग विभाग को खाली कराया गया है।
तीन से पांच दिनों तक टिक रहा है बुखार:डॉ यूके ओझा मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ ओझा ने बताया कि वायरल संक्रमण होने के कारण बुखार तीन से पांच दिनों तक रह रहा है। हालांकि इसमें लगातार सर्दी बनी रह रही है। ऐसे लोगों को कोरोना वायरस की जांच भी कराई जा रही है। संक्रमित मरीजों को गर्म पानी पीने और ताजा भोजन की सलाह दी जा रही है।