चक्रधरपुर रेल मंडल में लापरवाही की हदें पार: बचाव कार्य के दौरान भी हुआ रेल हादसा, सिस्टम पर उठे सवाल
दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं, लेकिन इस बार हालात और भी गंभीर हो गए। एक हादसे के बाद चल रहे बचाव और राहत कार्य के दौरान ही एक और रेल हादसा हो गया, जिससे रेलवे की सुरक्षा प्रणाली, प्रबंधन और कर्मचारियों की सतर्कता पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या है मामला?
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में चक्रधरपुर मंडल के एक खंड में मालगाड़ी के पटरी से उतरने की घटना हुई थी। रेलवे की टीम मौके पर राहत व मरम्मत कार्य में जुटी हुई थी, तभी बचाव कार्य में लगी एक इंजनयुक्त ट्रेन भी पटरी से उतर गई। इस दोहरे हादसे ने न सिर्फ रेलवे की तकनीकी लापरवाही उजागर की, बल्कि यह भी दिखाया कि खुद बचाव कार्य भी सुरक्षित नहीं रहा।
लगातार हो रहे हादसे
चक्रधरपुर रेल मंडल में बीते कुछ महीनों में दर्जनों बार ट्रेनें पटरी से उतर चुकी हैं। इनमें मालगाड़ियों के साथ-साथ कभी-कभी सवारी गाड़ियां भी शामिल रही हैं। इस नए मामले ने रेलवे प्रशासन की तैयारियों और तकनीकी निरीक्षणों की गंभीर कमी को सामने ला दिया है।
क्या कहता है रेलवे प्रशासन?
रेलवे अधिकारियों ने बचाव कार्य के दौरान हुए हादसे की पुष्टि की है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं। अधिकारी का कहना है कि:
"हादसे की तकनीकी जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है। पूरी घटना की रिपोर्ट जल्द तैयार की जाएगी। जरूरत पड़ी तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी होगी।"
रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
रेलवे के जानकारों का मानना है कि बार-बार हो रही घटनाएं पैसे और समय की बर्बादी के साथ-साथ कर्मचारियों और यात्रियों की जान के लिए खतरा बनती जा रही हैं। यदि बचाव टीमें ही खुद हादसे का शिकार होने लगें, तो यह रेलवे की कार्यप्रणाली के लिए बेहद शर्मनाक और चिंताजनक है।
जनता में नाराजगी
इस घटना के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर लोगों ने रेलवे की आलोचना करते हुए कहा कि:
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“चक्रधरपुर मंडल में अब हादसे सामान्य बन चुके हैं, और रेलवे प्रशासन सोया हुआ है।”
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“एक ओर ट्रेनें समय पर नहीं चलतीं, दूसरी ओर बचाव कार्य भी हादसों का हिस्सा बन गए हैं।”