2 दिन बाद अनुराग गुप्ता नहीं होंगे झारखंड के DGP, केंद्र सरकार ने लगाई रोक
केंद्र सरकार ने झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने के बाद उनके सेवा अवधि विस्तार पर रोक लगा दी है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र भेजा गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि झारखंड के पुलिस महानिदेशक आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके बाद अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर बरकरार रखने का राज्य सरकार का फैसला गलत होगा।
1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को 26 जुलाई 2024 को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। हालांकि झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के आदेश पर उन्हें डीजीपी के पद से हटा दिया गया था। 28 नवंबर 2024 को हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनते ही उन्हें एक बार फिर प्रभारी डीजीपी बनाया गया।
इसके बाद 3 फरवरी 2025 को झारखंड के प्रभारी डीजीपी के पद पर कार्यरत अनुराग गुप्ता को झारखंड का नियमित पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई। उनकी नियुक्ति दो वर्ष के लिए होगी, ऐसा उस समय अधिसूचना में लिखा था।
जेडीयू विधायक सरयू राय
डीजीपी अनुराग गुप्ता के 30 अप्रैल के बाद सेवा विस्तार को लेकर झारखंड की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले जमशेदपुर पश्चिम के जेडीयू विधायक सरयू राय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार के डीजीपी अनुराग गुप्ता के सेवा विस्तार के फैसले को गलत बताया है और सरकार को पत्र भेजकर कहा है कि डीजीपी की सेवा 30 अप्रैल 2025 को समाप्त हो जाएगी. अधिकारियों ने यह पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा है जो विदेश यात्रा पर हैं."
निलंबित किया गया था।
जानकारी के अनुसार, 2020 में हेमंत सोरेन सरकार ने ही आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को निलंबित किया था, क्योंकि उन पर 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में बड़कागांव से तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने के लिए प्रलोभन देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप था। लगभग 26 महीने बाद अप्रैल 2022 में उनका निलंबन हटा लिया गया।
वीरता पुरस्कार प्राप्त किया
आईपीएस अनुराग गुप्ता झारखंड पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह झारखंड के गढ़वा जिले, गिरिडीह जिले, हजारीबाग जिले में एसपी और राजधानी रांची में एसएसपी के रूप में कार्य कर चुके हैं। आईपीएस अनुराग गुप्ता ने संयुक्त बिहार में भी बेहतरीन काम किया था, उन्हें बहादुरी के लिए राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार भी मिला था।