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Jharkhand : टाना भगतों का प्रदर्शन हुआ हिंसक, लाठीचार्ज के साथ पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, कई टाना भगत और पुलिसकर्मी घायल !

 
झारखंड न्यूज डेस्क !!! झारखंड के लातेहार में सोमवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का घेराव कर रहे टाना भगत समुदाय के लोगों और पुलिस-प्रशासन के बीच जमकर संघर्ष हुआ है। पथराव में लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस की कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। पुलिस के लाठी चार्ज में कई टाना भगतों को भी चोट लगी है। इस संघर्ष की वजह से लातेहार जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आस-पास का इलाका लगभग डेढ़ घंटे तक रणक्षेत्र बना रहा।

सोमवार को अखिल भारतीय टाना भगत संघ के बैनर तले इकट्ठा हुए सैकड़ों टाना भगतों ने लातेहार जिला न्यायालय को घेर लिया। इस दौरान उन्होंने संविधान की पांचवीं अनुसूची और पेसा कानून के तहत कोर्ट-कचहरी को अवैध करार देते हुए इन्हें बंद करने का नारा लगाया। उन्होंने एलान कर दिया कि जब के राज्य के जनजातीय बहुल इलाकों में पेसा कानून के तहत परंपरागत आदिवासी स्वशासन प्रणाली नहीं की जाती, वे यहां किसी सरकारी दफ्तर को नहीं चलने देंगे। प्रदर्शन की वजह से न्यायिक कार्य पूरी तरह बाधित हो गया। पुलिस ने सभी न्यायिक पदाधिकारियों को पीछे के रास्ते निकाला। लातेहार के अंचल अधिकारी रुद्र प्रताप और पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने टाना भगतों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे जनजातीय बहुल क्षेत्र में कोर्ट-कचहरी को असंवैधानिक बताते हुए अपनी बात पर अड़े रहे। वार्ता विफल रही और इसके बाद प्रदर्शन आक्रामक हो उठा। पुलिस की ओर से अग्निशमन वाहन से प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की गई। उनपर लाठी चार्ज भी किया गया। संघर्ष में आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गये। इनमें थानेदार अमित कुमार गुप्ता, सत्यनारायण उरांव, कुमारी अमित लक्ष्मी, अंजू रोज खलखो, मनोरमा कुमारी शामिल हैं। इन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इधर पुलिस ने अखिल भारतीय टाना भगत संघ के अजीत टाना भगत, धनेश्वर टाना भगत, सुखदेव टाना भगत, बहादुर टाना भगत समेत 13 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। एसएसपी अंजनी अंजन सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

बता दें कि जनजातीय समाज से आने वाले टाना भगत पंथ के लोग महात्मा गांधी और तिरंगा की पूजा करने वाले समुदाय के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन इस समुदाय में शिक्षा और जागरूकता की कमी है। प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि सादगीपूर्ण जीवन शैली के लिए जाने जाने वाले टाना भगत समुदाय के लोगों को कुछ अवांछित तत्वों ने गुमराह किया है। यही वजह है कि वे संवैधानिक प्रावधानों की गलत व्याख्या करते हुए अव्यावहारिक मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके पहले बीते अप्रैल महीने में भी टाना भगत समुदाय के लोगों ने लातेहार जिला कलेक्ट्रेट स्थित सभी सरकारी दफ्तरों में चार दिनों तक तालाबंदी कर दी थी।

--आईएएनएस

रांची न्यूज डेस्क् !!!   

एसएनसी/एएनएम