जम्मू-कश्मीर में वीपीएन पर सख्ती, कठुआ के बाद किश्तवाड़ में भी लगाया गया प्रतिबंध
जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए कठुआ के बाद अब किश्तवाड़ जिले में भी वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्थानीय प्रशासन ने यह फैसला सुरक्षा एजेंसियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया है। किश्तवाड़ के उपायुक्त ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिले में वीपीएन के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लागू कर दी गई है।
प्रशासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, किश्तवाड़ में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 163 के तहत यह प्रतिबंध लगाया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने और संभावित सुरक्षा खतरों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि हाल के दिनों में वीपीएन के जरिए संदिग्ध गतिविधियों, अफवाहों के प्रसार और सुरक्षा एजेंसियों से बचने की कोशिशों के इनपुट मिले थे। ऐसे में जिले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह निर्णय जरूरी हो गया था। अधिकारियों के अनुसार, वीपीएन के माध्यम से इंटरनेट गतिविधियों को छिपाया जा सकता है, जिससे राष्ट्र विरोधी तत्वों को फायदा पहुंचने की आशंका रहती है।
किश्तवाड़ के उपायुक्त ने कहा कि यह आदेश आम नागरिकों को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि जिले में शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जारी किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और संबंधित एजेंसियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
इससे पहले कठुआ जिले में भी इसी तरह का प्रतिबंध लगाया गया था। वहां भी राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर वीपीएन के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी। अब किश्तवाड़ में भी ऐसा ही कदम उठाए जाने से साफ संकेत मिलते हैं कि जम्मू क्षेत्र में डिजिटल गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
हालांकि, इस फैसले को लेकर आम लोगों और व्यापारियों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का कहना है कि वीपीएन का इस्तेमाल निजी डेटा सुरक्षा और कामकाजी जरूरतों के लिए किया जाता है, ऐसे में पूर्ण प्रतिबंध से दिक्कतें बढ़ सकती हैं। वहीं, सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि संवेदनशील क्षेत्रों में इस तरह के अस्थायी प्रतिबंध जरूरी हो सकते हैं।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे आदेश का पालन करें और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या प्रशासन को दें। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति की समीक्षा के बाद आगे के फैसले लिए जाएंगे।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में समय-समय पर सुरक्षा स्थिति को देखते हुए इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं के उपयोग को लेकर सख्त फैसले लिए जाते रहे हैं। किश्तवाड़ में वीपीएन पर लगाया गया यह प्रतिबंध भी उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। आने वाले दिनों में प्रशासन की ओर से इस विषय पर और दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।