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बाल-बाल बचे जम्मू-कश्मीर डिप्टी CM! ब्रेक फेल होने से खाई में जाने वाली थी कार, उपराज्यपाल को लिया आड़े हाथों

 

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी आज एक बड़े हादसे का शिकार होते-होते बच गए। बाबा बुड्ढा अमरनाथ के दर्शन कर लौटते समय उनकी कार के ब्रेक फेल हो गए और कार खाई में गिरने से बच गई। पुंछ में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह तीसरी बार है जब उनकी कार के ब्रेक फेल हुए हैं।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से पूछा है कि क्या वह किसी अनहोनी का इंतज़ार कर रहे हैं? उन्हें नई कार क्यों नहीं दी जा रही, जबकि वह ज़ेड प्लस सुरक्षा श्रेणी में आते हैं। उन्होंने डीजीपी से कहा है कि अगर आपके और आपके अधिकारियों के पास नई गाड़ियाँ हैं, तो मंत्रियों को नई गाड़ियाँ क्यों नहीं दी जा रही हैं?

कौन हैं सुरिंदर कुमार चौधरी?

बता दें कि सुरिंदर कुमार चौधरी ने 16 अक्टूबर 2024 को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सरकार में उपमुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। वह जम्मू संभाग की नौशेरा विधानसभा सीट से विधायक हैं और विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना को 7819 मतों से हराकर सुर्खियों में आए थे। वहीं, सुरिंदर चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाकर उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देने की कोशिश की है। वह जम्मू क्षेत्र के एक प्रमुख नेता हैं और अप्रैल 2025 में 28 लोगों की हत्या को 'मामूली हरकत' बताकर विवादों में आ गए थे, जिसके लिए उनकी आलोचना हुई थी।

ऐसा रहा उनका राजनीतिक करियर
बता दें कि सुरिंदर चौधरी का जन्म जम्मू के राजौरी जिले के नोनियाल गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम दयाल चंद था, जो भारतीय सेना में कैप्टन थे। सुरिंदर चौधरी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से की थी। उन्हें महबूबा मुफ्ती का करीबी माना जाता था। उन्होंने वर्ष 2008 में नौशेरा से पहला विधानसभा चुनाव जीता था। 2014 में, सुरिंदर चौधरी ने पीडीपी के टिकट पर नौशेरा से चुनाव लड़ा, लेकिन रविंदर रैना से हार गए।

2022 में, मतभेदों के कारण, उन्होंने पीडीपी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। 2023 में, उन्होंने भाजपा छोड़ दी और नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए। 2024 में, उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर चुनाव लड़ा और रविंदर रैना को हराकर विधायक बने। सुरिंदर चौधरी जाट समुदाय से हैं और उन्हें एनसी-कांग्रेस गठबंधन के एकमात्र हिंदू विधायक के रूप में उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।