जम्मू-कश्मीर में भाजपा को लगा बड़ा झटका, वोटिंग खत्म होने के अगले दिन ही इस दिग्गज उम्मीदवार का निधन
बुखारी को भाजपा ने सुरनकोट से मैदान में उतारा था, जो जम्मू क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। पूर्व में दो बार विधायक रह चुके बुखारी को एक समय नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला के करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता था। चार दशकों तक नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़े रहे बुखारी फरवरी 2022 में अलग हो गए। पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा देने पर फारूक अब्दुल्ला से असहमति के कारण बुखारी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस छोड़ दी थी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते समय, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने बुखारी की तुलना महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला से की। चुघ ने उन्हें परिवर्तनकारी नेता बताया और पहाड़ी समुदाय के लिए उनके काम की सराहना की। चुघ ने कहा था कि बुखारी की वजह से ही पहाड़ी समुदाय को जम्मू-कश्मीर में 'वास्तविक आजादी' मिली। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान संपन्न हो चुका है. पहले चरण में 18 सितंबर, दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण में 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.