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मंडी में बादल फटने से तबाही, एक माह में 1500 करोड़ का नुकसान और 50 से ज्यादा मौतें; जयराम ठाकुर ने घटनास्थल का दौरा किया

 

हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला प्राकृतिक आपदाओं की भीषण मार झेल रहा है। बीते एक माह में जिले में बादल फटने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। सोमवार रात को मंडी शहर के जेल रोड क्षेत्र में फिर से बादल फटा, जिससे तबाही का नया मंजर देखने को मिला।

इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक महिला, उसका बेटा और देवर शामिल हैं, जबकि महिला का पति गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतकों में से एक महिला का शव मलबे में दबी गाड़ियों के बीच फंसा हुआ मिला, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। हादसे में कई वाहन मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है, वहीं करीब 50 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं

आपदा की गंभीरता को देखते हुए मंडी सदर क्षेत्र के सभी शिक्षण संस्थानों को मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं और मलबे में फंसे कई लोगों को खिड़कियां तोड़कर बाहर निकाला गया

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंगलवार को घटनास्थल का दौरा किया और मीडिया से बातचीत में घटना को बेहद दर्दनाक और चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा, "हम अभी सराज क्षेत्र की त्रासदी से उबरे भी नहीं थे कि मंडी शहर के जेल रोड में रात को बादल फटने से फिर से जनहानि हुई है। लोग अब बारिश शुरू होते ही अपने कामकाज छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए भागने को मजबूर हैं।"

जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार से तत्काल राहत राशि जारी करने, प्रभावितों को मुआवजा देने और पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को अलर्ट मोड में रहना चाहिए

स्थानीय लोग भय के माहौल में जी रहे हैं और अब उन्हें हर बारिश के साथ नई आपदा का डर सताने लगा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत टीमों से संपर्क करें।