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शहीद अरविंद सांगवान की वीरांगना पिंकी सांगवान को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला सम्मान

 

चरखी दादरी जिले के गांव झोझूकलां की वीरांगना पिंकी सांगवान को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों सम्मानित किया गया है। पिंकी सांगवान के पति, शहीद अरविंद सांगवान, ने अपनी जान देश की सेवा में दी थी, और उनकी शहादत को देश हमेशा याद रखेगा। राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त करने के बाद, पिंकी गांव लौटने पर पूरे गांव में उनका गरिमामयी स्वागत हुआ और ग्रामीणों ने उन्हें सादर अभिनंदन किया।

वीर अरविंद सांगवान की शहादत को नमन

पिंकी सांगवान के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित होने की खबर जब गांव पहुंची, तो पूरे गांव में एक उमंग और गर्व का माहौल था। ग्रामीणों ने उनके गांव पहुंचने पर उन्हें अपने दिलों से स्वागत किया और शहीद अरविंद सांगवान की शहादत को नमन किया। गांववासियों ने यह भी कहा कि वीर अरविंद के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और पिंकी ने जिस साहस और मजबूती से अपने पति की शहादत के बाद अपना जीवन बिताया, वह प्रेरणास्त्रोत है।

पिंकी ने अपने पति के बलिदान को याद करते हुए कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उन सभी शहीदों के लिए है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान दी। उन्होंने यह भी कहा कि वे हमेशा अपने पति की शहादत पर गर्व करती रहेंगी और उनके बलिदान को हमेशा याद रखेंगी।

राष्ट्रपति से सम्मान मिलने के बाद पिंकी का संदेश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सम्मान प्राप्त करने के बाद पिंकी सांगवान ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक बहुत ही गर्व का पल था, लेकिन यह सम्मान उनकी खुद की नहीं, बल्कि उन सभी शहीदों के परिवारों की मेहनत और संघर्ष का परिणाम है। पिंकी ने यह भी कहा कि वे चाहती हैं कि देश में हर शहीद के परिवार को इसी तरह का सम्मान और समर्थन मिले, ताकि वे अपनी वीरता को महसूस कर सकें और उनके बलिदान की अहमियत को समझा जा सके।

गांव में शहीद के परिवार का सम्मान

गांव के लोगों ने पिंकी सांगवान का स्वागत करते हुए उनकी बहादुरी की सराहना की। गांव में एक छोटे से आयोजन का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने शहीद अरविंद सांगवान की शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित की और पिंकी को सम्मानित किया। इस अवसर पर कई राजनीतिक नेताओं और समाजसेवियों ने भी पिंकी के सम्मान में अपनी उपस्थिति दर्ज की और उनकी हिम्मत और संघर्ष की तारीफ की।

समाज में महिलाओं का योगदान और साहस

इस घटना ने यह भी साबित किया कि समाज में महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं। पिंकी सांगवान ने न केवल अपने पति के बलिदान के बाद अपने परिवार को संभाला, बल्कि राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त करने के बाद समाज में एक संदेश दिया कि महिलाएं भी कठिन समय में अपनी शक्ति और साहस से आगे बढ़ सकती हैं। उनका यह कदम न केवल शहीदों के परिवारों के लिए प्रेरणा है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल भी पेश करता है।