40 से ज्यादा मुलाकातें… होटल में रेप का लगा आरोप, 3 साल तक चला ट्रायल, फरीदाबाद कोर्ट ने किया बरी?
हरियाणा के फरीदाबाद की अदालत ने एक बहुचर्चित रेप मामले में अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी युवक को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. यह मामला वर्ष 2022 में दर्ज हुआ था, जिसमें एक महिला ने युवक पर दोबारा शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था. करीब तीन वर्षों तक चले ट्रायल के बाद अदालत ने साफ कहा कि दोनों के बीच बने संबंध आपसी सहमति से थे और अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को ठोस सबूतों के साथ साबित करने में नाकाम रहा.
24 अप्रैल 2022 को फरीदाबाद के एनआईटी महिला थाना में महिला ने शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने 26 अप्रैल 2022 को आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश किया. इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जहां वह लगभग सात महीने तक जेल में रहा. लंबी सुनवाई के बाद तत्कालीन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश शर्मा की अदालत ने युवक को जमानत प्रदान की, जिसके बाद मामला नियमित ट्रायल के तहत चलता रहा.
युवक और महिला पहले से एक-दूसरे को जानते थे
युवक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश खटाना ने पैरवी की. ट्रायल के दौरान अदालत के समक्ष यह तथ्य सामने आया कि युवक और महिला लंबे समय से एक-दूसरे को जानते थे. दोनों की पहली मुलाकात गुजरात के अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी. यहीं से बातचीत की शुरुआत हुई, मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान हुआ और धीरे-धीरे यह संपर्क मुलाकातों और नजदीकियों में बदल गया.
अदालत में पेश साक्ष्यों के अनुसार, युवक और महिला के बीच अलग-अलग होटलों में 40 से 50 बार शारीरिक संबंध बने थे, जिन्हें दोनों पक्षों की सहमति से माना गया. ट्रायल के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि किसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया था. इसी विवाद के बाद महिला ने युवक के खिलाफ शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराया.
महिला की मां ने भी दी गवाही
मामले की सुनवाई के दौरान महिला की मां को भी गवाह के रूप में पेश किया गया. उन्होंने अदालत में स्वीकार किया कि उनकी बेटी और युवक एक-दूसरे को जानते थे और अक्सर मिलते-जुलते थे, हालांकि उन्हें इस संबंध की पूरी जानकारी नहीं थी, क्योंकि बेटी ने इस बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया था. इस बयान से भी अभियोजन पक्ष की कहानी को मजबूती नहीं मिल सकी.
ट्रायल में यह तथ्य भी सामने आया कि महिला पहले से तलाकशुदा थी, जबकि आरोपी युवक शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं. सभी गवाहों के बयान, परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और दस्तावेजी प्रमाणों का गहन मूल्यांकन करने के बाद फरीदाबाद की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुरुषोत्तम कुमार की अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित नहीं कर सका. वर्ष 2022 से 2025 तक चले इस मामले में अदालत ने युवक को रेप के आरोप से बरी कर दिया. करीब सात महीने जेल में रहने और तीन साल तक लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करने के बाद आए इस फैसले से युवक को बड़ी राहत मिली.